- दूसरे राज्यों से आए लोगों की क्वारंटाइन सेंटर में सुध नहीं ले रहा प्रशासन

जमशेदपुर : कोविड 19 को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम की स्थानीय प्रशासन ने दूसरे राज्यों से आने वाले शहरवासियों को पकड़कर उन्हें क्वारंटाइन तो कर दिय, लेकिन इनका जांच कराना भूल गया। अब एक दर्जन से ज्यादा लोग क्वारंटाइन सेंटर में फंसे हुए हैं।

कई इलाकों में सेंटर

पूर्वी सिंहभूम की जिला प्रशासन ने शहर के विभिन्न इलाकों में क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। यहां दूसरे राज्यों से शहर पहुंचने वाले लोगों को एहतियात के तौर पर पकड़कर क्वारंटाइन सेंटर में रखा है। कदमा थाने के समीप बनाए गए एक सेंटर में 30 संक्रमण संदिग्ध हैं। इनमें से एक दर्जन ऐसे हैं जिन्हें दस अप्रैल से रखा गया है। इनके लिए तीन समय का नाश्ता व खाना सहित सुबह व शाम चाय बिस्कुट की बेहतर व्यवस्था है। सभी के लिए अलग-अलग कमरे हैं। साफ-सफाई की कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन परेशानी बस इतनी है कि प्रशासन इनकी जांच नहीं करा रहा।

नहीं हुई जांच

अमूमन सभी संदिग्ध मरीजों की तुरंत जांच करनी होती है, लेकिन सात दिन बीत गए, इन लोगों की अब तक जांच ही नहीं हुई है। ऐसे में कई मरीज डरे हुए हैं कि यदि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो प्रशासन की गलती का खामियाजा नहीं न चुकाना पड़े। इस सेंटर में बर्मामाइंस के ईस्ट प्लांट बस्ती, मानगो के आजादनगर, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के पत्थरगांव, सहित झारखंड के कोडरमा, बोकारो व महाराष्ट्र से भी कई लोग यहां फंसे हैं।

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खुद गए थे पुलिस के पास

गोलमुरी थाना क्षेत्र के रहने वाले एक युवक का कहना है कि दस अप्रैल को भारी वाहन लेकर शहर पहुंचे थे। मानगो पुल के पास पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की तो स्वयं बता दिया कि वे नागपुर से आ रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने उसे क्वारंटाइन सेंटर भेजने के विषय पर पूछा तो खुद ही इसके लिए तैयार हो गए। घर वालों को बता दिया कि वे सकुशल हैं, लेकिन तकलीफ इतनी है कि उनकी अभी तक जांच नहीं हो रही है। जिनकी जांच के बाद रिपोर्ट निगेटिव आई, प्रशासन ने उन्हें होम क्वारंटाइन में भेज दिया।

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कैदी जैसा व्यवहार

क्वारंटाइन में फंसे लोगों की शिकायत है कि सेंटर में तैनात दो सिपाही यहां रह रहे लोगों के साथ कैदी जैसा व्यवहार करती है। शारीरिक दूरी रखने में जरा सी भी चूक हुई तो लोगों को गंदी गालियां देते हैं। कई बार तो उन्हें पीट भी देते हैं।

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थर्मल स्कैनर के नाम पर खानापूíत

सेंटर में रह रहे लोगों का कहना है कि पिछले सात दिनों से इनके खून के नमूने नहीं लिए गए। बस हर दिन थर्मल स्कैनर से जांच कर खानापूíत की जाती है।

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