ADITYAPUR : स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में सरायकेला जिला का आदित्यपुर नगर निगम इस बार भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज नहीं करा सका है। आदित्यपुर नगर निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण में ऑल इंडिया रैं¨कग के आधार पर 143वां रैंक प्राप्त हुआ है। आदित्यपुर नगर निगम ने कुल 2871.90 स्कोर अर्जित किया है।
2019 में था 140वां रैंक
आदित्यपुर नगर निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण के चौथे संस्करण 2019 में 140वां ऑल इंडिया रैंक प्राप्त हुआ था। वहीं इस बार 3 पायदान नीचे खिसक कर 143वां रैंक प्राप्त हुआ है। 2 लाख से भी अधिक आबादी वाले इस निकाय क्षेत्र में साफ सफाई की व्यवस्था बेहतर नहीं हो पाने के कारण रैंक में इस बार भी गिरावट आई है।
तीन श्रेणियों में हुआ था सर्वेक्षण
इस साल भी स्वच्छ सर्वेक्षण तीन श्रेणियों में बांटकर किया गया था। इसके तहत आदित्यपुर नगर निगम को 2871.90 स्कोर तीनों श्रेणियों में मिलाकर प्राप्त हुए हैं, वहीं सरायकेला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र से सटे पड़ोसी जिला जमशेदपुर ने ऑल ओवर इंडिया रैं¨कग के मामले में इस बार बाजी मारते हुए 7वां स्थान प्राप्त किया है।
पिछड़ रहा है आदित्यपुर
नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण में विगत 2 वर्षों से आदित्यपुर नगर निगम लगातार पिछड़ रहा है। इधर 143 ऑल इंडिया रैंक प्राप्त होने पर नगर निगम के आयुक्त शशिधर मंडल ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र के लिए ठोस कचरा निष्पादन की व्यवस्था नहीं होने के कारण लगातार सर्वेक्षण में निगम पिछड़ रहा है। नगर आयुक्त ने कहा है कि ठोस कचरा निष्पादन के अलावा अन्य सभी मामलों में निगम द्वारा बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।
चाईबासा शहर को झारखंड में मिला 18वां स्थान
स्वच्छता सर्वेक्षण में पूरे झारखंड में चाईबासा शहर 18 वें स्थान में जगह बनाने में कामयाब हुआ है। इसमें और बेहतर करने के लिए काफी कार्य है लेकिन इसमें अधिकारियों की कोताही भी दिखाई देती है। चाईबासा नगर परिषद 21 वार्ड में बंटा हुआ है। जहां प्रत्येक वार्ड सदस्य को दो-दो सफाई कर्मी दिया गया है। प्रत्येक दिन सभी सफाई कर्मी अपने वार्ड की सफाई करते हैं। जिससे शहर साफ सुथरा दिखाई पड़ता है। पहले के मुकाबले शहरच् में स्वच्छता नजर आ रहा है लेकिन यह लॉकडाउन का समय चल रहा है। वहीं कई ऐसे जगह भी शहर में है जहां डस्टबीन रखा हुआ नहीं है। लोग बाहर जहां-तहां कचरा फेंक रहे हैं। कहीं-कहीं डस्टबिन लगी भी है तो जर्जर स्थिति में है। शहर के लोग मजबूरी में कचरा जहां-तहां खुले में फेंक देते हैं। जैसे-तैसे शहर का कचरा उठाया भी जाता है तो उनको डंप करने की जगह चाईबासा नगर परिषद के पास नहीं है। कुछ साल पहले रोरो नदी के किनारे कचरा डंप होता था, स्थानीय लोग व पर्यावरण प्रेमियों के विरोध के कारण वहां कचरा फेंकना बंद किया गया तो शमशान काली मंदिर रोड़ पर फेंका जाने लगा। वहां कचरा का पहाड़ बन गया है। कचरा प्लांट के लिए शहर के बाहर आचू गांव का चयन किया गया, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण उस प्लांट को रदद करना पड़ा। वर्तमान समय में शमशान काली मंदिर के आगे कचरा यार्ड बनाया गया है, जहां शहर का पूरा कचरा डंप किया जाता है।