JAMSHEDPUR (18 March, JNN): हत्या और फाय¨रग के आरोप में घाघीडीह जेल में बंद दारोगा मनोज कुमार गुप्ता से मिलने चाईबासा के डीएसपी उपेंद्र कुमार उरांव बुधवार को पहुंचे। दारोगा के खिलाफ चल रहे विभागीय जांच के संबंध में अंतिम मंतव्य लेने आए थे। पूछताछ करते ही दारोगा ने डीएसपी को कानून का पाठ पढ़ा दिया। कहा, वह बंदी है। उससे विभागीय रूप या किसी जांच के संबंध में मिलने के लिए न्यायालय से अनुमति आवश्यक है। आदेश है तो पूछताछ करें। अन्यथा वह नहीं मिल सकता। व्यक्तिगत मिलना है तो मिलें। डीएसपी वापस लौट गए।
प्राथमिकी दर्ज कराई थी
गौरतलब है कि मनोज गुप्ता 25 जुलाई 2019 तक गुदड़ी का थाना प्रभारी था। बिना आदेश के सर्विस रिवाल्वर लेकर जमशेदपुर के सोनारी नौलखा अपार्टमेंट आवास आया था। उसके विरुद्ध पत्नी ने प्रताड़ना की प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस मामले में दारोगा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी था। जानकारी पर चाईबासा एसपी इंद्रजीत महाथा ने उसे निलंबित कर दिया। सर्विस रिवाल्वर का इस्तेमाल फाय¨रग और हत्या में किया था। इसके बाद विभागीय जांच का आदेश जारी हुआ।
26 जुलाई 2019 को की थी फायरिंग
घरेलू विवाद में 26 जुलाई 2019 को नवलखा अपार्टमेंट में दारोगा ने गोली चलाई थी। इसमें सीमा देवी की घटना स्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दारोगा की पत्नी पूनम गुप्ता और चंदन कुमार घायल हो गए थे। घटना के बाद दारोगा सर्विस रिवाल्वर लहराते हुए भाग निकला था। बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस ने उसे घाघीडीह सेंट्रल जेल भेज दिया था। पूनम गुप्ता की शिकायत पर मनोज गुप्ता के खिलाफ हत्या और हत्या की नीयत से फाय¨रग कर जख्मी करने का आरोप लगाते हुए सोनारी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में स्वस्थ्य होने के बाद पूनम गुप्ता और चंदन कुमार बिहार के पटना मीठापुर में रह रहे हैं। दोनों घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं। चंदन को पूनम गुप्ता मुंहबोला भाई बताती रही है। मनोज गुप्ता ने बंदी पत्र के माध्यम से न्यायालय को कई जानकारी भी दी है। उसने बताया कि जमशेदपुर के एसएसपी को आवेदन दिया था कि उस पर फाय¨रग करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की जाए, लेकिन अब तक नहीं की गई है।