जमशेदपुर (ब्यूरो): विद्यार्थियों ने इस फिल्म के माध्यम से 19 जनवरी सन 1990 को भारत व कश्मीरी हिंदुओं के मन:स्थिति को जाना समझा और अनुभव किया। फि़ल्म के कई दृश्य देख कर कई छात्राओं की आंखें नम हो गई। सिनेमा की शुरुआत एवं अंत में भारत माता की जय और जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है कि नारों से पूरा सिनेमाघर गूंज उठा। राष्ट्रीय कला मंच झारखंड प्रांत संयोजक बापन घोष ने कहा कि ये फिल्म नहीं एक सच्चाई है जो 32 सालों बाद दुनिया के सामने आई। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने लगातार कश्मीर में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार की आवाज उठाई। 11 मार्च 1990 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने धारा 370 को हटाने, कश्मीर को अलग विशेष राज्य का दर्जा देने के विरोध, एक देश दो विधान-दो निशान का विरोध और कश्मीरी पंडितों पर हो रहे जुल्मों के विरोध में &चलो कश्मीर&य का आह्वान किया था और पूरे देश के 15000 कार्यकर्ताओं ने जम्मू से कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए कूच किया था। इस दौरान नमिता पाठक, ज्योति दास, तानिया सोना, नैना, निधि, ईशा, चंद्रिका, रोमी, कोमल, स्वीटी, सिमरन, शिल्पी, असमी, वर्षा आदि उपस्थित थीं।
सनातन उत्सव समिति के सदस्यों ने देखी फिल्म
सनातन उत्सव समिति के ने विवेक अग्निहोत्री की बहुचर्चित फिल्म कश्मीर फाइल्स अपने सहयोगियों और समिति के सदस्यों के परिजनों के साथ बिष्टुपुर के पीएनएम मॉल स्थिति पीजेपी में देखी। इसके लिए सिनेमा हॉल को बुक किया गया था। समिति के संस्थापक चिंटू सिंह ने कहा कि मूवी कश्मीर फाइल्स में 1990 के दशक में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को दर्शाया गया है। इस फिल्म को दिखाने का मुख्य उद्देश्य था कि जिस तरह कश्मीर में हिंदुओं का पलायन हुआ उसके लिए सभी को जागरूकता के तहत बताया गया कि हम किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ऐसा झारखंड में न हो और कभी भी भविष्य में झारखंड फाइल्स बनने की नौबत न आए। इसके लिए समिति समाज के लोगों को सजग और सतर्क कर रही है। इस दौरान समिति के संस्थापक चिंटू सिंह, वीर सिंह, शंकर राव, रविंद्र कुमार, अंकेश भुइयां, राहुल दर्ज, रितिका श्रीवास्तव, मीरा सिंह, पीहू सिंह, ममता कुमारी, संतोष सिंह, ललित राव, कुलदीप, मनीष, संजय सोना, मनप्रीत, दीपक विशिष्ट, अमृत और साहिल सहित अन्य उपस्थित थे।