जमशेदपुर (ब्यूरो) : मानगो स्थित वर्कर्स कॉलेज में आज छात्रों के दो गुट के बीच मारपीट हो गई। इससे कॉलेज का माहौल गर्म हो गया। बाद में पुलिस भी पहुंची और प्राचार्य के हस्तक्षेप के बाद मामला तो शांत हो गया, लेकिन आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक वर्कर्स कॉलेज में इंटरमीडिएट बारहवीं का एडमिशन और एग्जामिनेशन फॉर्म भरवाया जा रहा था। सैकड़ों छात्र लाइन में लगे हुए थे।

पैसे लेने का आरोप

आरोप है कि अभाविप के शुभम सिंह नामक छात्र नेता अन्य छात्रों से पैसा लेकर काउंटर के अंदर जाकर सभी का फॉर्म जमा करवा रहे थे। यह देख कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष राजेश महतो ने हेड असिस्टेंट मनमोहन गांधी से शिकायत कर दी। इसके बाद मनमोहन गांधी ने सभी छात्र नेताओं को काउंटर से बाहर कर दिया।

मारपीट का आरोप

बताया जाता है कि उसके बाद राजेश महतो और मनमोहन गांधी बात कर रहे थे, तभी पीछे से शुभम सिंह ने आकर धक्का दिया और उनपर हाथ चला दिया। इसके बाद आजसू के छात्र नेताओं ने शुभम सिंह की जमकर पिटाई कर दी। घटना बढ़ते देख प्राचार्य द्वारा पुलिस को सूचित कर दिया गया। पुलिस के कॉलेज में पहुंचते ही शुभम सिंह और उसके साथी भाग खड़े हुए। बताया जाता है कि पुलिस के जाने के बाद सभी बाहरी लोगों के साथ कॉलेज में आए और प्राचार्य कक्ष में सभी के सामने राजेश महतो से हाथ जोड़कर माफी मांगा और बात खत्म करने आग्रह किया।

कार्रवाई नहीं तो आंदोलन

मामले में राजेश महतो ने कहा कि कॉलेज में दूर दराज से छात्र आते हैं। सुबह से ही वे कड़ी धूप में लाइन में लगे हुए थे। इस दौरान अभाविप के नेता अपने अपने लोगों और अन्य छात्रों का फॉर्म लेकर अंदर से जमा करवा रहे थे। कई छात्रों ने शिकायत की तो उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से शिकायत की। इसके बाद शुभम ने उनपर हमला कर दिया। यह देख छात्र आजसू के नेताओं ने बीच-बचाव किया। उन्होंने कहा कि सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई नहीं होगी तो आंदोलन किया जाएगा।

आजसू भंग कर रहा अनुशासन

दूसरी ओर अभाविप का कहना है कि छात्र आजसू के जिन कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने का आरोप अभाविप के कार्यकर्ता पर लगाया जा रहा है, जांच करने पर पता चलेगा कि वो महाविद्यालय के छात्र नहीं है। अभाविप का कहना है कि आजसू के अधिकांश छात्र नेता 8-10 साल से अधिक समय से महाविद्यालय में जमे हुए हैं। वैसे लोग प्रतिदिन विद्यार्थियों को बरगलाने के लिए सुबह से लेकर शाम तक कॉलेज परिसर में जमे रहते हैं, जिससे कई बार महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय का अनुशासन भंग हुआ है, लेकिन उन लोगों पर आज तक कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से कार्रवाई नहीं की गई है।