History से ज्यादा LSW में
सब्जेक्ट सेलेक्शन में कंफ्यूजन है तो चलो हिस्ट्री से प्रिपेरशन करते हैं। लेकिन जरा रुकिए, इस बार जेपीएससी के फाइनल रिजल्ट में जो फैक्ट्स सामने आए हैं वह कुछ और ही बयां कर रहे हैं। फोर्थ सिविल सर्विसेज के मेन एग्जाम में हिस्ट्री के कुल 531 कैंडीडेट्स शामिल हुए थे। उनमें से 44 फाइनली सेलेक्ट हुए। यानी इनका सक्सेस रेशियो 8.29 रहा। बिहार और झारखंड स्टेट सिविल सर्विसेज के फेवरेट सब्जेक्ट लेबर एंड सोशल वेलफेयर के कुल 1228 कैंडीडेट्स मेन एग्जाम में शामिल हुए थे इनमें फाइनली सेलेक्ट होने वाले कैंडीडेट्स की संख्या 122 रही। इस सब्जेक्ट के कैंडीडेट्स का सक्सेस रेशियो 9.93 रहा।
30 प्लस के हैं तो क्या हुआ
आप अगर इस बात से परेशान हों कि आपकी एज 30 साल से हो गई है तो जेपीएससी आपको इससे भी राहत दे सकता है। फोर्थ सिविल सर्विसेज एग्जाम में फाइनली सेलेक्ट होने वाले 219 कैंडीडेट्स में 30 साल से ज्यादा एज वाले कैंडीडेट्स 40 परसेंट से ज्यादा है। जी हां, टोटल सेलेक्ट होने वाले 219 कैंडीडेट्स में 30 से 35 साल एज ग्रुप के कैंडीडेट्स की संख्या 63 है, जबकि 35 साल से ज्यादा एज वाले कैंडीडेट्स की संख्या 40 है।
ऑप्शन नहीं रहता और एक्सपीरिएंस काम आता है
40 परसेंट से ज्यादा कैंडीडेट्स का 30 प्लस एज ग्रुप का होना और एलएसडब्ल्यू में सबसे ज्यादा कैंडीडेट्स के शामिल होने के सवाल पर विनय आईएएस एकेडमी के डायरेक्टर विनय कुमार सिंह का कहना है कि यूपीएससी में सक्सेस नहीं मिल पाने और दूसरे किसी सर्विस के लिए एज नहीं होने की वजह से वैसे कैंडीडेट्स के पास सिर्फ स्टेट सिविल सर्विसेज का ही ऑप्शन बचता है। वे पढ़ाई काफी कर चुके होते हैं इसलिए उन्हें उसका भी फायदा मिलता है। एलएसडब्ल्यू सब्जेक्ट के बारे में वे कहते हैं कि यह सब्जेक्ट सिर्फ बिहार और झारखंड में ही है इसलिए यहां के कैंडीडेट्स को इसका फायदा मिलता है। दूसरी बात यह है कि इस सब्जेक्ट का सिलेबस भी काफी छोटा होता है जिसे तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगता।
रिजनल लैंग्वेज के कैंडीडेट्स का सक्सेस रेशियो 10.38
जेपीएससी फोर्थ सिविल सर्विसेज में रिजनल लैंग्वेज के सब्जेक्ट्स में कुल 597 कैंडीडेट्स शामिल हुए थे। उनमें से 62 कैंडीडेट्स फाइनली सेलेक्ट हुए। यानी इनके सक्सेस का रेशियो रहा 10.38. जिन रिजनल लैंग्वेज के सब्जेक्ट्स में कैंडीडेट्स शामिल हुए उनमें, संथाली, मुंडारी, हो, कुड़ुख, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा और पंचपरगनिया शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा नागपुरी में कैंडीडेट्स शामिल हुए। इस सब्जेक्ट में शामिल होने 202 में 25 कैंडीडेट्स सेलेक्ट हुए। इनका सक्सेस रेशियो 12.38 रहा।
वैसे ही जेपीएससी 4 से 5 साल पीछे चल रहा है। यही वजह है कि ज्यादा एज के कैंडीडेट्स सक्सेसफुल कैंडीडेट्स की लिस्ट में शामिल हैं। इस भले ही रिजनल लैंग्वेज के कैंडीडेट्स ज्यादा संख्या में सक्सेस नहीं कर पाए हों, लेकिन आने वाले समय में इनकी संख्या जरूर बढ़ेगी।
- विनय कुमार सिंह, डायरेक्टर, विनय आईएएस एकेडमी