जमशेदपुर(ब्यूरो)।आपने चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला का नाम तो सुना होगा लेकिन हम जिस मामले की बात कर रहे हैं, उसे आप खाद्यान्न घोटाला या आधार कार्ड घोटाला भी कह सकते हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि आपके आधार कार्ड के नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति खाद्यान्न उठा रहा है। शायद आपको इसका पता भी न हो, लेकिन कई ऐसे जरूरतमंद हैं, जिन्हें इस बात की जानकारी है, लेकिन वे मामले में कुछ भी कर पाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। बता दें कि सरकार गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं, ताकि उनके समक्ष भोजन को लेकर कोई समस्या न हो। लेकिन, इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को कम बिचौलियों और अन्य लोगों को Óयादा मिल रहा है।
आई नेक्स्ट के पास है प्रूफ
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के पास ऐसे कई प्रूफ हैं, लेकिन हम यहां कुछ एग्जांपल के जरिए आपको इस घोटाले की जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि आपको यह पता चल सके कि ऐसा भी होता है और आप सतर्क रह सकें। ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट में हो रहे इस घोटाले से राशनिंग विभाग के लोग जरूर वाकिफ होंगे, क्योंकि इस गणित का सारा जोड़-घटाव वहीं से हो रहा है।
राशन कार्ड में फैमिली मेंबर्स नहीं
सिटी के बागुनहातु डी ब्लॉक बारीडीह कॉलोनी निवासी चंदना कर्मकार ने अपने राशन कार्ड के लिए अप्लाई किया था। उसने अपनी फैमिली के अन्य तीन-चार लोगों का भी नाम आवेदन में दिया था। उनके साथ सभी का आधार नंबर भी दिया गया था। बाद में जब राशन कार्ड बनकर आया तो उसमें केवल चंदना कर्मकार का ही नाम था, जबकि उनकी फैमिली के अन्य लोगों का नाम राशन कार्ड में दर्ज नहीं था।
मोहित का आधार रौशन के कार्ड में
अब देखते हैं, इसके आगे का खेल। चंदन कर्मकार का एक फैमिली मेंबर है मोहित कर्मकार। उसका आधार कार्ड सिटी की रौशन खातून के नाम पर अटैच है। जिस राशन कार्ड के साथ मोहित का आधार नंबर रौशन खातून के नाम के साथ अटैच है उसका नंबर 202006&00122 है। इस कार्ड पर 7 सदस्यों के नाम है। जिस राशन डीलरके साथ यह राशन कार्ड अटैच है उसका नाम रमेशचंद्र सिंह है। इसी तरह 18 वर्षीय दीपाली कर्मकार का राशन कार्ड 26 वर्षीया नाहिद परवीन के नाम के साथ अटैच है। नाहिद परवीन का राशन कार्ड नंबर 202006&00808 है। यह जेएनएसी के वार्ड नंबर 86 का मामला है। वहीं, सिदगोड़ा निवासी धनंजय कुमार का आधार नंबर मामिवा मुर्मू के नाम पर अटैच है। सिदगोड़ा के एग्रिको निवासी राम विजय कुमार यादव का आधार कार्ड बागबेड़ा की क्रांति देवी के नाम के साथ अटैच है। क्रांति देवी का राशन कार्ड वितरक बंशीधर शर्मा के पीडीएस से अटैच है। वहीं रेशमा देवी का आधार नंबर भी बागबेड़ा की ही सुमित्रा देवी के नाम के साथ पीडीएस वितरक मिथिलेश कुमार तिवारी के साथ अटैच है।
ये भी दूसरों के आधार पर उठा रहे राशन
इसी तरह लक्खी कर्मकार का आधार नंबर सोनी शर्मा तो दीपक कर्मकार का आधार नंबर बीएन गांगुली के नाम के साथ अटैच है। बीएन गांगुली का राशन कार्ड जिस पीडीएस के साथ अटैच है उसके वितरक का नाम कृष्णा हांसदा है। इसी तरह डिंपी कर्मकार का आधार नंबर बलराम कालिंदी के राशन कार्ड के साथ अटैच है।
ब'चों के आधार नंबर डिलीट का आवेदन
बिरसानगर जोन नंबर & निवासी धनंजय शर्मा ने राशन कार्ड बनवाया तो उनके दोनों ब'चों का नाम नहीं जुड़ा। उनके ब'चों का आधार नंबर किसी दूसरे के साथ जुड़ा था। उन्होंने सक्रियता दिखाई और अपने ब'चों का आधार नंबर डिलीट कर अपने राशन कार्ड के साथ जोडऩे का आवेदन दिया।
ऐसे हो रहा खेल
जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में सबसे ज्यादा राशन कार्ड बनाने का आवेदन आया। आवेदन के साथ सभी ने अपने फैमिली मेंबर्स का आधार नंबर भी दिया। इसमें कईयों का आवेदन निरस्त हो गया तो बाद में उस आधार नंबर का उपयोग दूसरों के राशन कार्ड के लिए किया जाने लगा। उस वक्त सरकार द्वारा एक व्यक्ति को 5 किलो की बजाय 10 किलो अनाज दिया जा रहा था। इस घोटाले के जरिए प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज का खेल हुआ। यह खेल आज भी जारी है।
तो नहीं बनेगा राशन कार्ड
आधार नंबर का उपयोग दूसरों के द्वारा किए जाने का खामियाजा वास्तविक व्यक्ति को भुगतना पड़ रहा है। राशन कार्ड के लिए अप्लाई करने पर संबंधित व्यक्ति का आधार नंबर एक्टिव बताया जाता है और इस स्थिति में उसका राशन कार्ड नहीं बन पाता।
डुप्लीकेट राशन कार्ड हुए रद्द
आधार में होने वाली गड़बडिय़ों में सुधार को लेकर जिला प्रशासन ने आधार सीडिंग कैंप लगवाया था। इसके जरिए जांच शुरू हुई और जिनका नंबर नहीं था उनका फिजिकल वेरीफिकेशन भी शुरू किया। इस क्रम में कम उठाव वाले या बिल्कुल उठाव न होने वाले आधार कार्ड को डुप्लीकेट आधार दिखाकर हटाया भी गया है।हो सकता है कि आधार नंबर की फीडिंग में एक-दो अंक की गड़बड़ी हुई हो और अगर ऐसा नहीं है तो डीलर के द्वारा जानबूझकर अपने फायदे के लिए किसी दूसरे के आधार को किसी अन्य के साथ जोड़ कर यह खेल किया जा रहा हो सकता है। इस मामले की जांच कर संबंधित डीलर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-सूरज कुमार, डीसी, ईस्ट सिंहभूम