जमशेदपुर (ब्यूरो): राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के मौके पर ग्रेजुएट कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान दिनकर की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। इसके बाद हिंदी विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर सही मायने में राष्ट्रीय विचार के वाहक थे। अपनी लेखनी से समाज में राष्ट्रीय चेतना जागृत करने वाले कवि रामधारी सिंह दिनकर ने समाज में प्रश्न के रूप में उपस्थित विभिन्न विषयों पर न सिर्फ अपनी राय दी बल्कि समाज के सामने उसका उत्तर भी प्रस्तुत किया। दिनकर जी ने जहां शांति की वकालत की है वहीं जरूरत पडऩे पर युद्ध को भी उचित ठहराया है।

जीवनी पर प्रकाश डाला

उन्होंने बताया है कि पिता के जीवन में पुत्र फैसला लेने लगे, बड़ों की सभा में राजा के पुत्र होने के कारण उदंडता करें तो समझ लें उसका परिणाम विनाश ही है। रश्मिरथी में एक और कर्ण की महानता को दिखलाया है तो दूसरी ओर उचित समय पर मित्र का विरोध नहीं करने के कारण प्रश्नों के घेरे में भी रखा है। राकेश पांडेय ने उनकी कई रचनाओं को सामने रख उनकी लेखनी के महत्व को सामने रखा। संगोष्ठी में हिंदी प्रतिष्ठा सेमेस्टर 2 की छात्रा सुनीता गिरी, शाएका, परवीन ने दिनकर की कविता का पाठ किया तथा उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी का संचालन सेमेस्टर 1 की छात्रा आकांक्षा कुमारी और धन्यवाद ज्ञापन सेमेस्टर 2 की छात्रा रीतिका सिंह ने किया।

इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर नेहा महतो, शीतल प्रमाणिक, ज्योति सुरजल, यश्वी सुरजल, अनीसा कुमारी, सुष्मिता महतो, निशा कुमारी, शालु कुमारी, सोनाली, स्नेहा, प्रिया, नैन्सी, नंदनी, राजी मुंदी, कशिश महतो, अन्नु कुमारी, सुप्रिया हेंब्रम, रीना महतो, सलोनी टुड्डू, स्वागी टुडू, उर्मिला टुडू, मौसमी महतो, ललिता बोयापाई, जानकी सिंह, आरती कुमारी मौर्या, इशिका सिंह सहित सेमेस्टर 1 सेमेस्टर-2 और सेमेस्टर-3 की छात्राएं उपस्थित थीं।