जमशेदपुर (ब्यूरो): झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की परेशानी इन दिनों काफी बढ़ गई है। कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होने और 11वीं में नामांकन न होने के कारण अंगीभूत कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सडक़ पर आने की नौबत आ गई है। बता दें कि झारखंड में 62 अंगीभूत महाविद्यालय हैं और इनमें लगभग 5000 शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी हैं, जिनके समक्ष भुखमरी की नौबत आ गई है। इन कॉलेजों में 11वीं में नामांकन बंद होने के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
बेरोजगारी की समस्या
शिक्षकों का कहना है कि इंटर प्रभाग में कार्य करने वाले सभी शिक्षक और कर्मचारी लंबे समय से अल्प वेतन में अपनी सेवा देते आ रहे हैं, लेकिन सरकार के अचानक बंद करने के निर्णय से लगभग 5000 शिक्षक और कर्मचारी और उनके परिवार के समक्ष बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे में झारखंड के सभी 62 अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों का समायोजन होने तक सभी शिक्षक और कर्मचारी काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज कराते हुए अपना काम कर रहे हैं।
मिला है सिर्फ आश्वासन
गौरतलब है कि झारखंड के सभी अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी सदस्यों ने झारखंड के राज्यपाल, झारखंड के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद और केंद्रीय मंत्री सभी के समक्ष अपनी समस्या के समाधान के लिए ध्यान आकृष्ट करा चुके हैं। हर तरफ से केवल आश्वासन ही मिला है। मामले में कोई कार्रवाई न होते देख शिक्षक और कर्मचारियों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
इनकी रही मौजूदगी
वर्कर्स कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के दौरान शालिनी नाग, रामानुज पांडे, जावेद अख्तर अंसारी, अंजनी कुमार झा, नवनीत कुमार सिंह, राजीव कुमार दुबे, कमलेश कुमार, प्रभात रंजन तिवारी, संजलि कौसर, जितेन महतो, चंदन जायसवाल, अनिमेष बक्शी, नीतीश कुमार, शैशव सरकार आदि उपस्थित थे।