Jamshedpur: इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ पिछले पांच सालों में साइबर क्राइम में भी 57 गुना की बढ़ोतरी हुई है। शहर में औसतन हर माह 10 लोग साइबर क्राइम के शिकार हो गया। ऐसा हम नही साइबर क्राइम के आंकड़े बोल रहे है। साइबर अपराधों की घटनाओं की बढ़ोतरी देखते हुए बिष्टुपुर थाने में साइबर थाना खोला गया है।
लगातार बढ़ रहा ग्राफ
बढ़ते इंटरनेट यूज के साथ साइबर क्राइम में भी काफी बढ़ोतरी हुई है.विगत पांच सालों को डाटा खंगाला तो पता चला, पांच सालों 56 गुना साईबर क्राइम बढ़ा है। वर्ष 2013 में पुरे पूर्वी सिंहभूम में साइबर क्राइम के महज दो मामले में एफआईआर दर्ज किए गए थे। वही वर्ष 2016 में साइबर क्राइम की घटना 112 हुई एवं 2017 में इसकी संख्या में बढ़ोतरी होकर 120 गई है।
रांची का था सहारा
शहर में साइबर थाने के ना होने का कारण शहर के पुलिस को चोरी, लैपटाप चोरी, अन्य साईबर घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए शहर की पुलिस को रांची साइबर टीम का सहारा लेना पड़ता था। बिष्टुपुर साइबर क्राइम थाने के अधिकारियों ने बताया की इंटर नेट से ठगी करने वाले कई लोग शहर के है, शहर के बाहर से भी साईबर क्राइम को अंजाम देकर जालसाजी जैसे घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।
दो पुलिसकर्मी के सहारे साइबर थाना
अभी साईबर क्राइम विभाग की शुरुवात पुर्ण रुप से नही हुई है, साइबर क्राइम थाने में अभी केवल एक सिपाही बैठकर पुरे शहर के साईबर घटनाओं पर अपनी नजर रखते है, जब हमने साइबर थाने के सिपाही सुजीत कुमार यादव से इस बारे पुछा तो उन्होंने कहा की थाने को सही ढंग से बनने तथा पुरी टीम तैयार होने में एक 4 महिने का वक्त लगेगा।
साइबर ठगी के ये हैं तरीके
-जीएसटी नंबर से आपका एटीएम जोड़ना है।
-एटीएम का समय सीमा खत्म हो गया है, ब्लॉक होने वाला है।
-आपके खाते को आधार से लिंक कराना है।
-नया पासवर्ड जेनेरेट करना है, बैंक मुख्यालय एटीएम का विवरण अंकित कर रहा है।
पूर्वी सिंहभूम में पांच सालों का साइबर क्राइम
साल संख्या
2013 - 2
2014 - 14
2015 - 50
2016 - 112
2017 - 120
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