छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त संख्या में बेड, दवाएं व विशषज्ञ डॉक्टरों की टीम है। इसलिए किसी भी शहरवासी को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। टाटा स्टील की ओर से कोरोना वायरस के कारण पहली बार रविवार शाम टेली कांफ्रें¨सग द्वारा टीएमएच के महाप्रबंधक डॉ। राजन चौधरी ने अस्पताल की तैयारियों की जानकारी दी। बताया कि वर्तमान में उनके पास 130 आइसोलेशन बेड हैं। 240 बेड जल्द बढ़ाए जाएंगे और स्थिति को देखते हुए बुधवार तक 160 बेड बढ़ाकर कुल 530 बेड का आइसोलेशन वार्ड बना दिया जाएगा।
बकौल डॉ। चौधरी, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत टीएमएच ने एक माह पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। हमने अपने सभी सप्लायरों से पर्याप्त संख्या में मास्क, दवा सहित जरूरी सामान स्टॉक कर चुके हैं। कोरोना को देखते हुए हमने ओपीडी सेवा को बंद कर दिया है और केवल आपातकालीन सेवाएं और सर्जरी की जा रही है। टीएमएच ने अपने क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) को पूरी तरह से कोरोना मरीजों के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वहीं, टाटा स्टील कॉरपोरेट कम्युनिकेशन चीफ कुलवीन सूरी ने सभी शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी तरह की अफवाह न फैलाएं। वाट्सएप पर कोई गलत सूचना वायरल न करें।
लैब की मांगी है अनुमति
डॉ। राजन चौधरी ने बताया कि पूर्व में कोरोना मरीजों की जांच केवल सरकारी लैब में ही होती थी। लेकिन पिछले दिनों सरकार ने निजी लैब को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। हमने सरकार के पास आवेदन दिया है कि उनके लैब को भी मान्यता दी जाए।
आसोलेशन वार्ड की व्यवस्था
टीएमएच के महाप्रबंधक ने बताया कि कोरोना मरीजों की मदद के लिए टाटा स्टील के झरिया, नोवामुंडी, वेस्ट बोकारो ऑपरेशन क्षेत्र के संचालित अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसमें नोवामुंडी में दो वेंटीलेटर और तीन सीसीयू बेड, वेस्ट बोकारो में वर्तमान में पांच आइसोलेशन बेड को अगले कुछ दिनों में बढ़ाकर 10 किया जाएगा। वहीं, यहां दो सीसीयू बेड हैं। इसके अलावे झरिया में 10 आइसोलेनशन बेड हैं। वहां धनबाद मेडिकल कॉलेज से भी मदद ली जा रही है। साथ ही क¨लगनगर में भी आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की जा रही है।
पांच प्रतिशत मरीजों को ही वेंटीलेटर की जरूरत
टीएमएच महाप्रबंधक ने बताया कि कोरोना से पीडि़त सौ में से 15 से 20 प्रतिशत मरीज ही गंभीर स्थिति में आते हैं और इनमें से मात्र पांच फीसदी मरीजों को ही वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है। इसलिए वेंटीलेटर को लेकर हमारे पास पर्याप्त व्यवस्था है। केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है कि किस स्टेज में अस्पताल में कैसी तैयारी होनी चाहिए? अस्पताल प्रबंधन उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
क्वारंटाइन मतलब छुट्टी नहीं
डॉ। राजन चौधरी ने सभी शहरवासियों को सचेत किया है कि क्वारंटाइन मतलब छुट्टी नहीं है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को मास्क लगाकर घुमने की आवश्यकता नहीं है। बस लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें। दूसरों से कम से कम तीन से छह फीट की शारीरिक दूरी बनाएं रखे। कोरोना के वायरस 20 प्रतिशत एक-दूसरे के संपर्क में आने से और 80 प्रतिशत मोबाइल, लैपटॉप या अन्य उपकरण जिसमें वायरस है, उसे छूने से फैलता है। इसलिए सभी 20 सेकेंड तक हाथ धोने और अपने मोबाइल, लैपटॉप व अन्य उपकरण को भी समय-समय पर सैनिटाइजर से साफ करें।