JAMSHEDPUR : कोरोना काल के बीच टाटा मोटर्स का उत्पादन बढ़ना राहत देने वाली खबर है। कोरोना संकट ने सभी क्षेत्रों के साथ उद्योगों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। इसमें पहले से मंदी की मार झेल रही ऑटोमोबाइल उद्योग पर कोरोना का सबसे अधिक मार पड़ी है। अब यह सेक्टर भी इस संकट से उबरने लगा है है। भारत की अग्रणी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स की स्थिति में भी सुधार दिखने लगा है। टाटा मोटर्स जमशेदपुर इकाई में वाहनों के ऑर्डर बढ़ने लगे हैं। अस्थायी कर्मचारियों को भी काम पर बुलाये जाने लगा है।

यनियन ने बनाया दबाव

यूनियन ने काम से बैठे शेष अस्थायी कर्मियों को भी काम पर बुलाने को लेकर प्रबंधन पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को इस मुद्दे को लेकर प्रबंधन और यूनियन के बीच वार्ता भी हुई। टाटा मोटर्स को सितंबर में 3200 वाहनों का आर्डर मिला है। पिछले माह करीब 2400 वाहनों का निर्माण हुआ था। इस प्रकार सितंबर में पिछले माह की तुलना में 900 से अधिक वाहनों आर्डर मिले हैं। आर्डर बढ़ने के बाद यूनियन के दवाब पर कई माह से काम से बैठे अस्थाईकर्मियों को प्रबंधन ने काम पर बुला लिया है। गुरुवार की बैठक में यूनियन ने शेष 1900 बाई सिक्स कर्मचारियों को काम पर बुलाने के लिए दवाब डाला, जिस पर प्रबंधन ने सहमति जताई। बैठक में विभागवार काम के मुताबिक कर्मचारियों की जरूरत पर विचार किया गया। वर्तमान में सिर्फ 55 साल या इससे अधिक उम्र के स्थायी कर्मचारियों को ही काम पर नहीं बुलाया गया है।

प्रबंधन-यूनियन की कमेटी बनेगी

तार कंपनी आइएसडब्ल्यूपी में कर्मचारियों के सालाना बोनस वार्ता शुरू को लेकर प्रबंधन-यूनियन की कमेटी बनेगी। वायर प्रोडक्ट्स लेबर यूनियन की ओर से बोनस वार्ता शुरू करने के लिए प्रबंधन को पत्र भेज दिया गया है। अब वार्ता शुरू करने से पूर्व प्रबंधन-यूनियन की पांच-पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई जाएगी जो बोनस समझौता करने का काम करेंगे। यूनियन की ओर से महामंत्री समेत पांच पदाधिकारियों की कमेटी बनाई जाएगी जबकि प्रबंधन की ओर से पांच वरीय अधिकारी कमेटी में शामिल होंगे। अगले सप्ताह से बोनस पर वार्ता शुरू होगी तथा समय रहते समझौता करने का प्रयास होग