जमशेदपुर (ब्यूरो): आज विश्व रक्तदान दिवस है। इस दिन रक्तदान के साथ ही रक्तदाताओं के सम्मान के लिए भी कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। रक्तदान के प्रति शहरवासी काफी जागरुक हैं, और विभिन्न रक्तदान शिविर के माध्यम से वे रक्तदान करने के लिए आगे भी आ रहे हैं, लेकिन इनमें महिलाओं की संख्या सेटिस्फैक्ट्री नहीं है। अगर नियमित महिला ब्लड डोनर्स की बात करें, तो इनकी संख्या एक दर्जन से भी कम है। जमशेदपुर के निजी ब्लड बैंक जमशेदपुर ब्लड सेंटर के आंकड़ों की मानें तो विगत एक साल में कुल 1266 महिला रक्तदाताओं ने रक्तदान किया है। यह आंकड़ा नियमित महिला रक्तदाताओं की नहीं है। इनमें कुछ ने एक बार तो किसी 3 से 5 बार रक्तदान किया है। कई ऐसी महिला रक्तदाता हैं, जो फ्लाइंग डोनर हैं, यानी शिविर की जानकारी मिलने पर रक्तदान करने पहुंच गईं।
57640 लोगों ने किया रक्तदान
इसी तरह अगर जमशेदपुर के कुल रक्तदाताओं की बात करें, तो एक साल में कुल 57640 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया है, जो रक्तदान के प्रति लोगों की जागरुकता बताने के लिए काफी है। लोग लगातार जमशेदपुर ब्लड सेंटर में आकर रक्तदान कर रक्तदान महादान की महत्ता को चरितार्थ कर रहे हैं।
महिलाएं नहीं कर पातौं नियमित रक्तदान
अब अगर महिला रक्तदाताओं की बात करें, तो ऐसा नहीं है कि वे रक्तदान करना नहीं चाहतीं। महिलाओं ने रक्तदान के प्रति जागरुकता नहीं है, लेकिन वे चाहकर भी रक्तदान इसलिए नहीं कर पाती, क्योंकि महिलाओं में हीमोग्लोबिन कम होने की शिकायत होती है। हीमोग्लोबिन कम होने के कारण वे नियमित रूप से रक्तदान नहीं कर पाती हैं।
साल में 3 बार ही रक्तदान कर सकती हैं महिलाएं
इसी तरह अगर रक्तदान करने के अवधि की बात करें, तो पुरुषों के लिए यह अवधि 90 दिन औऱ महिलाओं के लिए 120 दिन है। यानी पुरुष एक बार रक्तदान के बाद अगले 90 दिनों के बाद दुबारा रक्तदान कर सकते हैं, जबकि महिलाओं के लिए यह अवधि 120 दिन है। यानी महिलाएं साल में अधिकतम 3 बार ही रक्तदान कर सकती हैं।
इन महिलाओं को मिलेगा सम्मान
जमशेदपुर में नियमित महिला रक्तदाताओं की बात करें तो इनमें अंकिता शर्मा, निलाक्षी मजूमदार, मीनू कुमारी, रूपा देवी, हरदीप कौर और रश्मि राजलक्ष्मी सोरेन शामिल हैं। इन्हें 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक नियमित और बेहतरीन रक्तदान के लिए रांची में सम्मानित किया जाएगा।
सुनील आनंद की पूरी फैमिली कर रही है रक्तदान
आनंद मार्ग के सुनील आनंद की बात करें तो, इनका पूरा परिवार रक्तदान कर रहा है। सुनील आंनद खुद 32 बार रक्तदान कर चुके हैं। इसमें 25 बार रक्तदान और 7 बार एसडीपी, उनकी पत्नी रूपा देवी ने 20 बार रक्तदान किया है तो उनके पुत्र जयेश कुमार अब तक 10 बार और उनकी पुत्री प्रियल आनंद अब तक 5 बार रक्तदान कर चुकी हैं।
रक्तदान शिविर में अग्रणी हैं रेड क्रॉस और आनंदमार्ग
शहर की कई संस्थाएं रक्तदान शिविर लगाती हैं। इनमें नियमित शिविर लगाने वाली संस्थाओं में रेड क्रॉस सोसाइटी और आनंद मार्ग युनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल शामिल है। आनंद मार्ग द्वारा पिछले पिछले 15 सालों से भी ज्यादा समय से रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक महीने के अंतिम शनिवार या रविवार को मासिक रक्तदान शिविर का आयोजन जमशेदपुर ब्लड सेंटर में किया जाता है एवं दूसरे शिविर का आयोजन झारखंड सरकार के एमजीएम ब्लड बैंक में भी प्रत्येक महीना आयोजित किया जा रहा है। खास बात यह है कि आनंद मार्ग रक्तदाताओं को डोनेशन के बाद पौधा भी प्रदान करता है।
एक साल में 1266 महिलाओं समेत कुल 57640 लोगों ने रक्तदान किया है। हीमोग्लोबिन कम होने के कारण महिलाएं नियमित रक्तदान नहीं कर पाती हैं। रक्त जरूरी कंपोनेंट है और लोगों को स्वैच्छिक रूप से रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए।
संजय कुमार, जीएम, जमशेदपुर ब्लड सेंटर
मेरी पूरी फैमिली नियमित रूप से रक्तदान कर रही है। बेटी प्रियल ने 18 साल की उम्र से रक्तदान शुरू किया और अब तक वह 5 बार रक्तदान कर चुकी है। पुत्र के साथ ही पत्नी भी नियमित रूप से रक्तदान कर रही हैं।
सुनील आनंद, सोनारी