जमशेदपुर (ब्यूरो): भोजन की तलाश में हाथी अक्सर इधर-उधर भटकते हैं। इस क्रम में वे रेलवे लाइन पास भी चले जाते हैं। ऐसे में कई बार ट्रेन से कटकर हाथियों की मौत भी हो चुकी है। हाथियों की ट्रेन से टकरा कर होने वाली मौत को वन विभाग ने गंभीरता से लिया है और उनकी सुरक्षा के लिए चिन्हित रेलवे लाइन के पास पासिंग लेन बनाने की तैयारी है। इसपर रेलवे और वन विभाग ने मंथन शुरू कर दिया है।

हो चुकी है मीटिंग

इसे लेकर पिछले दिनों कोल्हान वन प्रमंडल की एक बैठक चक्रधरपुर रेल मंडल के अधिकारियों के साथ हुई। इस बैठक में चक्रधरपुर रेल मंडल में विभिन्न जगहों पर हाथियों की आवाजाही के लिए पासिंग लेन यानी अंडरपास बनाए जाएंगे, ताकि उनकी जान को कोई खतरा न हो।

पासिंग लेन बनाने की है तैयारी

इसके तहत नोवामुंडी और डांगुवापोसी के बीच एक एलिफेंट पासिंग लेन बनेगा तो कोल्हान के सारंडा क्षेत्र में भी पासिंग लेन की तैयारी है। इसी तरह मनोहरपुर से चक्रधरपुर वाली रेलवे लाइन पर भी कई जगहों पर पासिंग लेन बनाने की तैयारी है।

जानकारी लेगा रेलवे

इसके मद्देनजर रेलवे लाइन के नीचे से पासिंग लेन बनाने की योजना है। पासिंग लेन के लिए 11 जगह चिन्हित किए गए हैं। उन चिन्हित जगहों पर पासिंग लेन बनाया जाएगा। इसके साथ ही रेलवे भी वन विभाग से हाथियों की आवागमन की जानकारी लेकर रेलवे लाइन पर सतर्कता बढ़ाएगा।

स्टेशन मास्टर कक्ष से होगी मॉनिटरिंग

हाथी रेलवे लाइन के पास आ रहे हैं या नहीं, इसकी पूरी मॉनिटरिंग स्टेशन मास्टर कक्ष से करने की तैयारी है। इसके लिए वन विभाग रेलवे को सूचना देगा और रेलवे उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई करेगा।

वर्तमान व्यवस्था है नाकाफी

वर्तमान में जो व्यवस्था है उससे बहुत ज्यादा लाभ देखने को नहीं मिल रहा है। वैसे संबंधित क्षेत्र में साइन बोर्ड लगाए गए हैं। हाथियों के ट्रेन से टकराने से हाथी की जान का खतरा होता है तो रेलवे को भी इससे काफी नुकसान होता है। इससे कई बार ट्रेन पटरियों से उतर जाती है, जिससे जान-माल का भी खतरा होता है।

28 हाथियों की हो चुकी है मौत

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2016 से लेकर अब तक खडग़पुर एवं चक्रधरपुर रेल मंडल के झारखंड और ओडिशा रेल लाइन पर ट्रेन की चपेट में आकर 28 हाथियों की मौत हो चुकी है।

इन जगहों पर देखे गए हैं हाथी

साउथ-इस्ट जोन के हावड़ा मुंबई रेल मार्ग में घुतरा, बागडीह, भालूलता, चाईबासा, डांगुवापोसी, बंडामुंडा, किरीबुरू, चाकुलिया, बासताला, मनोहरपुर, जुरुली बांसपानी और नोवामुंडी क्षेत्र में कई बार हाथी देखे गए हैं। चाईबासा, मनोहरपुर, घाटशिला समेत वैसी रेल लाइन जहां से हाथी अक्सर आना-जाना करते हैं, वहां पासिंग लेन बनाया जाना है। इसके लिए चक्रधरपुर रेल मंडल में 11 जगहों पर हाथियों के लिए पासिंग लेन बनाने की तैयारी है।

हाथियों को दुर्घटना से बचाने की तैयारी को लेकर पिछले दिनों वन विभाग की रेलवे के साथ मीटिंग हुई थी। उसमें कई सेंसेटिव जगहों पर पासिंग लेन बनाने को लेकर चर्चा हुई है, ताकि हाथियों को दुर्घटना से बचाया जा सके।

सत्यम कुमार, डीएफओ, पश्चिम सिंहभूम