JAMSHEDPUR: घाटशिला न्यायालय में गुरुवार को दहेज प्रताड़ना के एक मामले में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने संजय पाल को दोषी करार देते हुए डेढ़ साल की सजा सुनाई । दोषी पति के विरुद्ध घाटशिला के मऊभंडार थाने में 22 सितंबर 2009 को पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। झारखंड उच्च न्यायालय से उसे जमानत मिली थी। तभी से यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था और जिसका फैसला गुरुवार को अदालत में हुआ।
2007 में हुई थी शादी
वर्ष 2007 में कदमा की रहने वाली रूपा पाल का घाटशिला मऊभंडार रेलवे क्रॉ¨सग के पास रहने वाले संजय पाल के साथ विवाह हुआ था। विवाह के समय मायके पक्ष ने अपनी हैसियत अनुसार गृहस्थी बसाने का सारा सामान दिया था। शादी के लगभग दो माह बाद से ही पत्नी रूपा पाल को पति संजय पाल दहेज के लिए प्रताडि़त करने लगा। हमेशा पत्नी से 3.5 लाख रुपए मायके से दहेज लाने की मांग करता था और बात ना मानने पर उसके साथ गाली गलौज व मारपीट किया करता था। कई बार मामला समाज और थाने तक भी पहुंचा।
तंग आकर मायके चली गई
वहीं वर्ष 2008 में दोनों का एक बेटा भी हुआ। जिसके बाद दहेज की मांग को लेकर पति ने पत्नी को अधिक प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। प्रताड़ना से तंग आकर महिला अपने मायके चली आई। जिसके बाद जिले के तत्कालीन एसएसपी अनूप बिरथरे से पीडि़त महिला परिजनों के साथ मिली और अपनी आपबीती सुनाई। जिसके बाद एसएसपी के निर्देश पर घाटशिला मऊभंडार थाना में पति के विरुद्ध दहेज प्रताड़ना का एक मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। घाटशिला कोर्ट में लगभग 11 साल मामला चलने के बाद एडीजे वन की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए अंतत: पति को दोषी करार दिया और उसे डेढ़ साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया। वहीं मामले में बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता एसएन तिवारी ने जबकि पीडि़त पक्ष की तरफ से जमशेदपुर न्यायालय के अधिवक्ता अखिलेश राठौर ने जिरह की।