देवघर (पीटीआई)। झारखंड के देवघर जिले में केबल कारों में फंसे सभी पर्यटकों को बचा लिया गया है, जबकि एक और व्यक्ति हेलीकॉप्टर से गिर गया जब उसे रेस्क्यू किया जा रहा था। इस घटना में मरने वालों की संख्या तीन हो गई। शेष 15 पर्यटकों में से चौदह, जो लगभग 40 घंटे तक त्रिकूट पहाड़ियों पर एक रोपवे पर फंसे हुए थे। उनको भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने बचा लिया। इसी के साथ अभियान समाप्त हो गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर के मलिक ने फोन पर पीटीआई को बताया, "केबल कारों में फंसे शेष 15 लोगों में से 14 को बचा लिया गया है, जबकि बचाव अभियान के दौरान एक महिला हेलिकॉप्टर से गिर गई।"

60 से अधिक लोगों को बचाया गया
देवघर के सिविल सर्जन सीके शाही ने कहा कि गिरने वाली महिला की पहचान 60 वर्षीय शोभा देवी के रूप में की गई महिला को अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया है। मलिक ने कहा कि बचाए गए लोगों को अस्पताल भेज दिया गया है, जहां उनकी जांच की जाएगी। रविवार को तकनीकी खराबी के कारण केबल कारों की टक्कर के बाद रोपवे पर फंसे 60 से अधिक लोगों के फंसे होने के बाद बचाव अभियान समाप्त हो गया है, जिसे वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से निकाला गया। बचाव प्रयासों के दौरान सोमवार और मंगलवार को हेलीकॉप्टर से गिरे दो पर्यटकों सहित अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 घायलों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

कई टीमें लगी थीं रेस्कयू में
भारतीय वायुसेना, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से बचाव अभियान चलाया जा रहा था। ड्रोन से फंसे लोगों को भोजन और पानी की आपूर्ति की गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है। सोरेन ने कहा, "राज्य सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।" राज्यपाल रमेश बैस ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार त्रिकुट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे है। यह लगभग 766 मीटर लंबा है।

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