नई दिल्ली (एएनआई)। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने बुधवार को पार्टी में मची उठापटक पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक चिराग ने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान, उससे पहले भी, उसके बाद भी कुछ लोगों द्वारा और खास तौर पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास निरंतर किया जा रहा था। मेरी पार्टी के पूरे समर्थन के साथ मैने चुनाव लड़ा। कुछ लोग संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार नहीं थे। मेरे चाचा ने खुद चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई। मेरी पार्टी के कई और सांसद अपने व्यक्तिगत चुनाव में बिजी थे। मेरे पिता के अस्पताल में भर्ती होने पर कुछ लोग पार्टी तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। मेरे पिता ने मेरे चाचा (पशुपति कुमार पारस) सहित पार्टी के नेताओं से इसके बारे में पूछा।


पार्टी अध्यक्ष का पद सिर्फ दो परिस्थितियों में खाली हो सकता
चिराग पासवान ने यह भी कहा कि जब मैं बीमार था, उस समय मेरे पीठ पीछे जिस तरह से ये पूरा षड्यंत्र रचा गया, उससे मुझे गहरा दुख पहुंचा है। मैंने चुनाव के बाद अपने चाचा से संपर्क करने का, उनसे बात करने का निरंतर प्रयास किया। कुछ जगह खबर चल रही है कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाया जा चुका है। लोक जनशक्ति पार्टी का संविधान कहता है कि पार्टी अध्यक्ष का पद सिर्फ दो परिस्थितियों में खाली हो सकता है या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का निधन हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्तीफा दें।


अध्यक्ष से की उनके पक्ष में नया सर्कुलर जारी करने अपील
इसके पहले लोजपा नेता चिराग पासवान ने आज ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा, पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा का नेता घोषित करने का निर्णय हमारी पार्टी के संविधान के प्रावधान के विपरीत है। उन्होंने अध्यक्ष से उनके पक्ष में नया सर्कुलर जारी करने का अनुरोध किया है। गाैरतलब है कि लोकसभा में लोजपा के छह सांसदों में से पांच चिराग पासवान के खिलाफ हो गए है, जिससे वह अपनी ही पार्टी लोजपा में अलग-थलग पड़ गए, जिसे उनके पिता ने 21 साल पहले बनाया था।

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