आर्मी ने की थी अपील

हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों से हुई मुठभेड़ में आर्मी के 5 अफसर-जवान शहीद हो गए। जिनमें आर्मी कैप्टन पवन कुमार भी शामिल हैं। ऐसे में पवन कुमार के श्ाव को उनके मूल स्थान हरियाणा पहुंचाना काफी मुश्किल काम था, क्योंकि इन दिनों हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर आंदोलन छिड़ा हुआ है। ऐसे में रविवार को जींद के रहने वाले 23 साल के पवन का पार्थिव शरीर रविवार को उनके गांव बढ़ाना नहीं ले जाया जा सका। जगह जगह रास्ते जाम थे और आंदोलन कारी काफी उग्र थे। वहीं पवन के घर पर उनके परिजन उनके शव का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इसके बाद खुद आर्मी और राज्य सरकार ने उग्र आंदोलनकारियों से अपील की। उनका कहना था कि इस शहीद का पार्थिव शरीर उसके अपनों के पास पहुंच जाने दें। ऐसे में उग्र आंदोलनकारियों का दिल पसीज आया और उन्होंने शहीद के लिए अंतिम संस्कार के लिए रास्ता खोल दिया।

हर किसी की आंखे नम

वहीं शहीद कैप्टन पवन के गांव बढ़ाना में हर कोई देश के इस लाल के अंतिम दर्शन के लिए खड़ा था। परिजनों और रिश्तेदारों का रो रोकर बुरा हाल था। इस दौरान पिता राजबीर सिंह ने अपने बेटे की चिता को मुखाग्नि देकर काफी रूंधे गले व गर्व भरे शब्दों से कहा, आज उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। वहीं पवन के अंतिम संस्कार में हरियाणा के मिनिस्टर कैप्टन अभिमन्यु भी पहुंचे। उन्होंने भी पवन को सलाम किया। गौरतलब है कि शनिवार को श्रीनगर के पास पंपोर में एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की सात मंजिला इमारत में कुछ आतंकी घुस गए थे। इस दौरान शहीद कैप्टन तुषार महाजन, हवलदार राजकुमार राणा, लांस नायक ओम प्रकाश आदि अफसर व जवान इस मुठभेड़ में शहीद हो गए।

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