कानपुर। टेक्नोलॉजी की दुनिया में हमेशा नए और चौंकाने वाले प्रयोग करने के लिए मशहूर जापान के साइंटिस्टों ने स्पेस में ले जाने वाली लिफ्ट यानी स्पेस एलिवेटर को विकसित करने पर काम शुरू किया है। जिसका पहला ट्रायल इसी महीने होने वाला है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक अगले हफ्ते जापान की स्पेस एजेंसी द्वारा एक H-2B रॉकेट इस स्पेस एलिवेटर टेस्ट के लिए जरूरी सामान अंतरिक्ष तक ले जाएगा।
मिनी एलीवेटर टेस्ट से पूरा होगा टूरिस्ट एलीवेटर का सपना
दरअसल जापान इस स्पेस एलिवेटर प्रोग्राम का एक छोटा ट्रायल वर्जन टेस्ट करने जा रहा है। जिसके लिए जापान की सिजुका यूनिवर्सिटी में तमाम टेस्टिंग इक्यूपमेंट विकसित किए गए हैं। इस टेस्ट की सफलता के आधार पर यह तय होगा कि अंतरिक्ष में जाने वाली मेन लिफ्ट कैसे काम करेगी और कब तक लोगों को इसकी सुविधा मिल पाएगी। जापान के इस मिनी एलिवेटर टेस्ट के दौरान अंतरिक्ष में 2 मिनी सैटेलाइट्स के बीच एक 10 मीटर का स्टील केबल लगाया जाएगा। जिस पर यह मिनी एलिवेटर कंटेनर एक जगह से दूसरी जगह तक मूव करेगा। शिजुका यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने एएफपी को बताया है कि अंतरिक्ष में एलिवेटर मूवमेंट का यह टेस्ट वाकई दुनिया में पहली बार होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर यह टेस्ट सफल होता है तो जापानी वैज्ञानिकों की टीम मुख्य स्पेस एलिवेटर को विकसित करने पर काम शुरु करेगी।
96 हजार किमी ऊपर ले जाने वाली यह स्पेस एलीवेटर ऐसे करेगी काम
फीजिक्स वेबसाइट के मुताबिक भविष्य की यह स्पेस एलीवेटर धरती पर किसी पोर्ट से लांच होगी और एक कटेंनर की मदद से लोगों को धरती के ऑर्बिट स्टेशन तक ले जाएगी। जिसकी ऊंचाई होगी करीब 36000 किलोमीटर। अंतरिक्ष में ऐलीवेटर केबल को सपोर्ट देने के लिए 2 बिग सैटेलाइट्स मिलकर एक बेस स्टेशन तैयार करेंगे, जो एलीवेटर सिस्टम के पूरे वजन को सहने में सक्षम होगा।
स्टील से 20 गुना मजबूत होगी एलीवेटर केबल
शिजूका यूनीवर्सिटी के साथ मिलकर इस स्पेस एलीवेटर प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी का कहना है। इस एलीवेटर के लिए वो कार्बन नैनोट्यूब तकनीक का इस्तेमाल करेंगे, जिसकी मजबूती स्टील से 20 गुना ज्यादा होगी। इससे ही लिफ्ट का मेन शाफ्ट तैयार होगा। इस पर ही खिसकते हुए स्पेस एलीवेटर लोगों को 60 हजार मील यानि करीब 96 हजार किमी ऊँचाई तक ले जाएगी।
120 साल पहले देखा गया था स्पेस एलीवेटर का सपना
बता दें कि दुनिया में स्पेस एलिवेटर का सपना सदियों से देखा जा रहा है। साल 1895 में रूसी वैज्ञानिक कांस्टेंट Konstantin Tsiolkovsky ने पेरिस के एफिल टावर को देखने के बाद पहली बार स्पेस एलीवेटर बनाने का विचार किया था। इस के करीब 120 साल बाद अब अंतरिक्ष तक ले जाने वाली स्पेस एलीवेटर का शुरुआती ट्रायल शुरु हो चुका है। वैज्ञानिकों के मुताबिक साल 2050 तक इस स्पेस एलीवेटर द्वारा अंतरिक्ष की सैर का सपना पूरा होने की उम्मीद है।
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