रविवार को पुरूषों के थॉमस कप के फाइनल में जापान और मलेशिया आमने सामने थे. जापान ने एक नया इतिहास रचते हुए मलेशिया को 3-2 से हराया और पहली बार ख़िताब अपने नाम किया.
जापान पहली बार थॉमस कप के फाइनल में पहुंचा था जहां उसके सामने मलेशिया के ली चोंग वेई जैसे दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी थे और पहले एकल मुकाबले में ली चोंग वेई ने मलेशिया को निराश भी नहीं किया. उन्होंने जापान के केनिची तागो को 21-12, 21-16 से हराया.
कड़ा मुक़ाबला
इसके बाद दूसरे युगल मुक़ाबले में जापान ने वापसी करते हुए केनिची हायाकावा और इंदो हिरोयुकी के दम पर जीत हासिल की और मुक़ाबले को एक एक से बराबर कर दिया.
इस जोड़ी ने मलेशिया के तानबुन हियोंग और हुन थिन हाउ की जोड़ी को 12-21, 21-17, 21-19 से हराया.
"अब वक्त आ गया है जब भारत में कोचों को युगल खिलाड़ियों पर विशेष काम करने के लिए अतिरिक्त अधिकार दिए जाएं. भारत में अभी भी एकल खिलाड़ियों के मुक़ाबले युगल के विशेषज्ञ खिलाड़ी कम हैं."
-पुलेला गोपीचंद, भारत के राष्ट्रीय कोच
जापान ने इसके बाद भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और तीसरे एकल में मोमोता केंतो के शानदार प्रदर्शन की मदद से जीत हासिल की और स्कोर को 2-1 कर दिया.
मोमोतो ने मलेशिया के चोंग वेई फेंग को 21-15, 21-17 से मात दी.
इसके बाद चौथे युगल मैच में मलेशिया ने वापसी की और जीत हासिल करते हुए स्कोर को 2-2 से बराबर कर दिया. लेकिन निर्णायक और आखिरी पांचवें एकल मुकाबले में जापान के उएदा ताकुमा ने मलेशिया के डेरेन ल्यू को हराते हुए जापान को 3-2 से जीत दिलाई.
इससे पहले महिलाओं के उबेर कप बैडमिंटन मुक़ाबलों का फाइनल चीन ने जापान को 3-1 से हराते हुए रिकॉर्ड 13वीं बार अपने नाम किया.
चीन की जीत में झुई रुई ली और शिझीयान वांग ने अहम भूमिका निभाते हुए अपने अपने एकल मुक़ाबले जीते जबकि महिला युगल में युन लेई झाओ और झिआओली वांग ने अहम भूमिका निभाई. इनकी जीत के दम पर चीन ने अपना वर्चस्व क़ायम रखा.
भारत का प्रदर्शन
मेज़बान भारत ने भी साइना नेहवाल, पीवी सिंधू और अनुभवी युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा के दम पर पहली बार उबेर कप के सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई.
सेमीफाइनल में भारत को जापान से कड़े संघर्ष के बाद 3-2 से हार का सामना करना पड़ा और उसे कांस्य पदक से संतोष करना पडा .
लेकिन ये उबेर कप के इतिहास में भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन है.
वहीं थॉमस कप में भारत पुरूष टीम को क्वॉर्टरफाइनल से पहले ही बाहर होना पड़ा था.
इस टूर्नामेंट में भारत के प्रदर्शन पर राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, "अब वक्त आ गया है जब भारत में कोचों को युगल खिलाड़ियों पर विशेष काम करने के लिए अतिरिक्त अधिकार दिए जाएं. भारत में अभी भी एकल खिलाड़ियों के मुक़ाबले युगल के विशेषज्ञ खिलाड़ी कम हैं."
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