कानपुर (इंटरनेट डेस्‍क)। Janmashtami 2024 Celebration: कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी धूम मची है। दुनियाभर के कृष्ण मंदिरों को इतनी खूबसूरती से सजाया गया है। मानो वो भी कान्हा के जन्मदिन के मौके पर झूम रहे हों। दुनियाभर में कृष्ण भक्त अपने कान्हा के लिए तरह तरह के पकवान बना रहे है। उनको लुभाने के लिए तरह-तरह की तरकीबें आजमा रहे हैं। घर और मंदिरों को सजा रहे हैं। ताकि जब कान्हा जन्‍म लें तो देखें कि उनके आने की खुशी में उनके भक्तों ने क्या-क्या किया है। सोमवार को राधा-कृष्ण मंदिरों में घंटियां,मृदंग और शंख की ध्वनि ने ये बता दिया कि कान्हा आने वाले हैं, उनके स्वागत के लिए तैयार रहिए।

अहमदाबाद के इस्कॉन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों के उत्साह का अंदाजा अहमदाबाद के इस्कॉन मंदिर को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। भगवान के दर्शन के लिए इस्कॉन में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ इकठ्ठा हो चुकी है। इसके अलावा ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी तीन दिन तक चलने वाला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव सोमवार से शुरु हो गया है। इस महोत्सव में 27 को जन्माष्टमी और 28 को नंदोत्सव का आयोजन होगा। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर यानी बिरला मंदिर में भी जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह की आरती के साथ शुरूआत सेलीब्रेशन की शुरुआत हो गई। इसके साथ ही मुबंई में चौपाटी इस्कॉन मंदिर में दर्शन के लिए पट खुल गए और बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं।

सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम
मथुरा में जन्माष्टमी के अवसर पर सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मथुरा के पुलिस अधीक्षक बजरंग बली चौरसिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि क्षेत्र में 2000 से ज्यादा सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई जगहों पर ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।

कान्हा के बर्थडे को लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी अधिकांश जगहों पर 26 अगस्त, सोमवार को मनायी जा रही है। जन्माष्टमी के दिन कान्हा के भक्त पूरा दिन उपवास रखते हैं। मंदिरो और घरों में दियों,फूलों और लाइट्स से सजावट करते हैं। इस दिन मथुरा और वृंदावन के मंदिरों की भव्यता तो देखते ही बनती है। मान्‍यता के अनुसार श्रीकृष्ण ने अपना बचपन और युवावस्था का काफी समय मथुरा और वृंदावन में ही बिताया था। इसी वजह से मथुरा और वृंदावन में रहने वालों और यहां के प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जन्‍माष्टमी फेस्टिवल बहुत खास हो जाता है।

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