श्रीनगर (आईएएनएस)। पुलवामा में टेरर अटैक के बाद जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। जिन पांच अलगाववादी नेतओं की सुरक्षा वापस ली गई है उनमें मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी व शबीर शाह शामिल हैं। इस फैसले से अलगाववादियों नेताओं को सरकार की ओर से दी गई सुरक्षा एवं दिए गए वाहन भी वापस करने होंगे। खबरों की मानें तो इस फैसले के बाद अलगाववादियों नेताओं में खलबली मची है।
फैसले पर बौखलाहट में कुछ ऐसी दी प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया
हालांकि अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस लेने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा है कि उन्होंने कभी सुरक्षा नहीं मांगी थी। मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेस ने एक बयान में कहा सरकार ने खुद ही अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला लिया था। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के सुरक्षा वापस लेने के फैसले से न तो अलगाववादी नेताओं के रुख में कोई बदलाव आएगा न हीं इससे जमीनी हालात पर कोई असर पड़ेगा।
सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले से 41 जवान शहीद
बता दें कि बीते गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले से 41 जवान शहीद हुए। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद ने विस्फोटक कार के जरिए किया। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीआरपीएफ का काफिला जैसे ही लेथपोरा से गुजरा, आतंकी ने रॉन्ग साइड से आकर अपनी गाड़ी जवानों से भरी बस से टकरा दी। उस गाड़ी में 100 किलोग्राम विस्फोटक सामान था, जिससे बड़ा धमाका हुआ। इस अटैक ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
तिरंगे में लिपटा दून पहुंचा शहीद मेजर चित्रेश, आज सैन्य सम्मान के साथ की जाएगी अंत्येष्टि
वो एक मारेंगे हम 10 तैयार हैं, Terror Attack से नहीं टूटता सेना में जाने का जज्बा
National News inextlive from India News Desk