नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत सरकार ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर को प्रतिबंधित कर दिया था। अधिकारियों ने बताया कि इस संगठन ने पाकिस्तान के आईएसआई से मजबूत संबंध बनाए हैं और यह राज्य में अलगाववाद को बढ़ावा देने के इरादे से नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं। भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'कश्मीरी युवकों को हथियार, प्रशिक्षण और अन्य जरुरी चीजें मुहैया कराने के लिए जेआईआई (J & K) ने पाकिस्तान के आईएसआई के साथ मजबूत संबंध बनाये हैं, इसके साथ उसके नेता अलगाववाद के समर्थन के लिए लगातार नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग के साथ संपर्क में रहते हैं।
कश्मीरी युवाओं को बना रहे आतंकी
खुफिया जानकारी के अनुसार, JEI(J & K) कश्मीर घाटी में बच्चों के बीच भारत विरोधी भावनाओं को फैलाने के लिए वहां के स्कूलों में अपने नेटवर्क का उपयोग कर रहा है और भारत में आतंकवादी गतिविधि के लिए युवाओं को भर्ती करने के इरादे से वह Jel (J&K) की युवा शाखा (Jamiat-ul-Tulba) के कैडरों को प्रोत्साहित कर रहा है। अधिकारी ने यह भी कहा कि इस संगठन के तार पाकिस्तान समर्थित कई आतंकी संगठनों से भी जुड़े हैं। वे लोग इन्हें फंडिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि यह संगठन पाकिस्तान में राज्य को मिलाने के लिए जम्मू-कश्मीर में युवाओं से हमले करवाता है। बता दें कि हुर्रियत में जेआई (जेएंडके) के प्रतिनिधि गिलानी, कश्मीर में लगातार उग्रवाद का समर्थन करते रहे हैं और यहां तक कि कारगिल युद्ध के दौरान, उन्होंने घुसपैठियों को 'स्वतंत्रता सेनानी' कह दिया था।
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