एक भी आरोपित बरी न हो सभी को फांसी की सजा होनी चाहिए
अखबार मिड-डे के रिपोर्टर से बात करते हुए ज्योतिर्मय डे उर्फ जे डे की बहन लीना ने लगभग हर सवाल का जवाब दिया था लेकिन उनका इस बात पर ज्यादा जोर था कि 'एक भी आरोपित बरी नहीं होना चाहिए। सभी को फांसी की सजा होनी चाहिए।' उन्होंने तल्ख लहजे में सवाल किया, 'ऐसा क्यों है कि हम भुगत रहे हैं और आरोपी आजाद घूम रहे और मजे कर रहे हैं।' उन्होंने अंदेशा जताया कि सभी आरोपित पावरफुल लोग हैं जिनके काफी संपर्क हैं। संभव है कि वे सभी बरी हो जाएं।
लीना भाई के साथ-साथ मां की की मौत को लेकर भी दुखी दिखीं
इस दौरान लीना ने खुद को संभालते हुए रिपोर्टर से कॉफी पीने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने खुद तो नहीं पी लेकिन हां अपनी मृत मां और भाई की तस्वीरों के सामने दो कप बढ़ा दिए। वह अपने भाई के साथ-साथ मां की की मौत को लेकर भी दुखी दिखीं। उनकी मां का भी पिछले साल निधन हो गया था। अपनी मां की मौत का जिम्मेदार भी लीना खुद को ही मानती हैं और कहती हैं, 'मैं अपनी मां के लिए कुछ नहीं कर सकी।'लीना घाटकोपर के एक मामूली 1 बीएचके फ्लैट में रह रही हैं।
लीना का अधिकांश समय बस कमरे की खिड़की पर बीतता है
लीना ने कहती हैं उनका अधिकांश समय अब बस खिड़की को निहारते ही बीतता है। वह घर से बहुत कम बाहर निकलती हैं और खाना भी एक बार खाती हैं। वह बताती है कि कभी-कभी बिल्िडंग में एक लड़का उनकी सामान आदि लाने में मदद करने आता है। वहीं दोस्तों का कहना है कि लीना ने बाकी दुनिया से खुद को काट दिया है, लेकिन, उसे अभी भी हर छोटी चीज के साथ मदद के लिए लोगों को फोन करना है। गैस सिलेंडर को बदलने जैसे छोटे कार्य उनके लिए अब काफी कठिन होते हैं।
लीना और उनकी मां के लिए ज्योतिर्मय डे ही पूरी दुनिया थे
लीना का कहना है कि उसके स्वर्गीय भाई के दोस्त कभी-कभी आ जाते हैं और उसकी मदद करते हैं। वह पुराने दिनों की याद करते हुई कहती हैं कि कभी उनका भाई उनकी हर मदद के लिए हर वक्त उनके आस-पास मौजूद रहता था। लीना और उनकी मां के लिए ज्योतिर्मय डे ही पूरी दुनिया था। इस दौरान उन्होंने जे डे के उस आखिरी दिन को भी याद करते हुए उस दिन की पूरी दास्तां को बयां किया। इतना ही नहीं उन्होंने उस लेख को भी याद किया जो जे डे ने छोटा राजन के खिलाफ लिखा था।
फैसले से पहले लीना ने बयां किया जे डे का आखिरी सफर
आखिरी दिन जेडे अपनी मां और बहन लीना को अपनी नई ढीली रेनकोट दिखाने के लिए घर आए। इस दौरान उन्होंने यह भी कि अब वे लोग उसके बारिश में भीगने की चिंता न करें। इसके बाद वह घर के लिए सब्जियां लेने निकले लेकिन इसके बाद वह कभी नहीं लौटे। उन्हें उस दिन बारिश में ही गोली मार दी गई थी। बतादें कि इस मामले में जांचकर्ताओं के अनुसार, छोटा राजन ने मुंबई के संवाददाता डे को मारने के निर्देश दिए थे। छोटा राजन को यह लगता था कि जेडे उसके खिलाफ लिखते थे।
साभार मिड-डे
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