उस समय उन्हें भी ये ख़बर नहीं थी कि वे 58 साल तक साथ रहेंगे और बाद में अमरीका के कई शहरों में समलैंगिक शादियों को क़ानूनी मान्यता मिलते हुए देखेंगे.
कीनेथ लिडम और पीटर कॉक आजकल न्यूयार्क के एक रिटायरमेंट होम में साथ साथ रहते हैं. रिकार्ड है कि आजतक उनके बीच कोई गंभीर बहस नहीं हुई.
बिल्कुल विपरीत माहौल में कीनेथ और पीटर के संबंध कैसे बनें, इसके लिए क्या उन्हें किसी तरह की सज़ा से भी गुज़रना पड़ा. इतने लंबे और पुरसुकून रिश्ते की गहराइयों तक यह संबंध किस तरह पहुंचा. जानते हैं बीबीसी आउटलुक सीरिज़ में इस बार अमरीका के समलैंगिक जोड़े की कहानी.
'हम केवल अच्छे दोस्त थे'
पीटर कॉक साल 1920 का वो वक्त याद करते हुए कहते हैं, "मैं एक छोटे शहर में पला-बढ़ा पिता लेडी गार्मेंट का कारोबार करते थे. मां गृहिणी थी, और एक उम्दा ब्रिज प्लेयर भी."
पीटर के भावी साथी किनेथ लिडम भी कैलिफ़ोर्निया के लगभग ऐसे ही साधारण परिवार से आते थे. कीनेथ के पिता किसान थे. उनका परिवार अक्सर अमरीका के तटीय इलाक़ों मे इधर उधर घूमता रहता था.
किनेथ बताते हैं, "हम हमेशा एक शहर से दूसरे शहर, एक फ़ार्म से दूसरा फ़ार्म बदलते रहते थे. मैंने इस बीच छह अलग स्कूल और चार अलग-अलग हाई स्कूल बदले. मेरी तीन बहनें थीं जो आज भी जीवित हैं."
दोनों का ही परिवार मूल रूप से धार्मिक था. मगर उनके संबंधों के बारे में दोनों के परिवारों को कुछ मालूम नहीं था.
पीटर कहते हैं, "मेरे परिवार वाले हमारे बारे में नहीं जानते थे. उन्हें बस इतना पता था कि हम बहुत अच्छे दोस्त हैं. मेरी ज़िंदगी में तब भरपूर दोस्ती थी, सेक्स था. मगर आख़िर में मुझे मेरा सच्चा प्यार मिल ही गया."
कीनेथ का परिवार भी उनके संबंधों के बारे में नहीं जानता था. इसलिए असहमति का सवाल ही नहीं था. पीटर को वे अपना दूसरा बेटा मानते थे.
पहली मुलाक़ात कैसे हुई?
"शुरू शुरू मैं पीटर को केवल पसंद करता था. फिर उनसे प्यार हुआ. मगर तब ये नहीं पता था कि हम जीवन भर के बंधन में बंधने वाले हैं. और हमारा साथ 58 साल लंबा रहेगा. "
-कीनेथः समलैंगिक
दूसरा विश्वयुद्ध शुरू हो चुका था. कीनेथ तब युवा थे. कीनेथ को आसमान में उड़ना बहुत पसंद था. इसलिए उन्होंने पायलेट की ट्रेनिंग ली.
वे बताते हैं, "मुझे उड़ना बहुत पसंद था. मुझे बॉम्बर पायलेट की ट्रेनिंग मिली थी. मगर जब तक मुझे कोई विंग मिलता, फाइटर पायलट की खोज होने लगी. इसलिए मैं फ़ाइटर प्लेन का पायलट बना."
नेवी में तब समलैंगिकों को स्वीकार नहीं किया जाता था.
युद्ध के बाद कीनेथ ने नौकरी बदली और थियेटर के लिए काम करने लगे.
साल 1955 में कीनेथ 'शेक्सपियर फिल्म फ़ेस्टिवल' के लिए चंदा इकट्ठा किया करते थे. जबकि पीटर बॉक्स ऑफ़िस मैनेजर थे.
थियेटर में काम करते हुए एक बार कार पार्किंग के दौरान कीनेथ की पीटर से मुठभेड़ हो गई. ये उनकी पहली मुलाक़ात थी. फिर उन्होंने मामूली दोस्त से प्रेमी और वर्कर तक का सफ़र तय किया.
कीनेथ बताते हैं, "पहले पहल पीटर को मैं केवल पसंद करता था. तब ये नहीं पता था कि हम जीवन भर के बंधन में बंधने वाले हैं. मेरा जीवन उम्मीद से कहीं ज्यादा ख़ुशगवार निकला."
पीटर कहते हैं, "तब ज़हन में कहीं भी इस तरह के संबंध की कल्पना नहीं थी. आजकल युवा पीढ़ी संबंध बनाने के लिए साथी तलाशते हैं. मगर तब ऐसा नहीं था. तब लोग संबंध नहीं एक सोच के लिए जुड़ते थें."
जेल जाना पड़ा
जब कीनेथ और पीटर के समलैंगिक संबंध के बारे में लोगों को पता चला तो काफ़ी हल्ला मचा.
अमरीका के सीबीएस न्यूज़ ने समलैंगिक संबंध पर लोगों की राय जाननी शुरू की. इस सर्वे में ये बात सामने आई कि अमरीका के लोग समलैंगिकता को समाज के लिए दहेज, गर्भपात, वेश्यावृत्ति से भी ज्यादा खतरनाक मानते हैं.
कीनेथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस उन्हें जेल ले गई.
कीनेथ ने बताया, "मुझे वहां अपने संबंध के बारे में स्वीकारना पड़ा. अगले दिन चेतावनी देते हुए मुझे छोड़ दिया गया."
आज का न्यूयार्क तब के न्यूयार्क से बहुत अलग है. साल 2011 में सरकार ने समलैंगिकों की शादी को कानूनी मान्यता देने की पहल की. अमरीका के सर्वोच्च न्यायालय ने सालों बाद जाकर साल 2013 में समलैंगिकों के विवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को खत्म कर दिया.
58 सालों का साथ और इतना प्यारा रिश्ता. आखिर इसका रहस्य क्या है? कीनेथ बताते हैं, "हमारे साथ का रहस्य है, प्रेम और समर्पण. हम एक दूसरे से टूट कर प्यार करते हैं. इसके अलावा हमारी कुछ कॉमन रुचियां हैं. थियेटर, बैले और संगीत. ये हमें जोड़े रखता है. ये हमारे जीवन का अटूट हिस्सा है."
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