लंदन (एएफपी)। अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान अपने कर्मचारियों की मदद करने के लिए कई नए उपायों की घोषणा की है। इसमें सैलरी काटने का भी विकल्प शामिल है। आईटीएफ के अध्यक्ष डेविड हैगर्टी ने स्वैच्छिक रूप से अपनी 30 परसेंट सैलरी कटौती की घोषणा की है। टेनिस के सबसे बड़े संघ ने कहा कि, वह नौकरी बचाने के लिए प्रयासरत है। संघ चाहता है कि किसी कर्मचारी की नौकरी न जाए। इसके लिए आधे आईटीएफ कर्मचारियों को फर्लो पर भेजने का निर्णय लिया गया है।
बोर्ड मेंबर्स कटवाएंगे 20 परसेंट वेतन
हैगर्टी का कहना है, '"हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं, वह हमारे संगठन और हमारे खेल के लिए एक बुनियादी चुनौती का प्रतिनिधित्व करती है।' वैसे अध्यक्ष के सैलरी में कटौती के फैसले के बाद आईटीएफ बोर्ड के अन्य सदस्यों ने भी 20 परसेंट कम सैलरी लेने का निर्णय लिया है।
सभी तरह के टेनिस टूर्नामेंट हुए रद
कोरोना संकट के चलते विश्वभर के खेल इवेंट पर विराम सा लग गया है। इससे टेनिस जगत भी अछूता नहीं है। एटीपी और डब्ल्यूटीए टूर्स पिछले महीने की शुरुआत से ही निलंबित हैं। अब तो विंबलडन भी रद हो चुका है, जो इससे पहले सिर्फ वर्ल्ड वॉर के दौरान स्थगित किया गया था। वहीं आईटीएफ ने बुडापेस्ट में अगले हफ्ते होने वाले उद्घाटन फेड कप फाइनल के साथ दूसरे स्तर के पुरुष चैलेंजर टूर और महिला विश्व टेनिस टूर सहित अपने सैकड़ों टूर्नामेंटों को या तो टाल दिया है या रद कर दिया।
खाना तक नहीं खरीद पा रहे प्लेयर्स
खेलों पर लगा यह विराम कई प्लेयर्स के लिए आर्थिक संकट लेकर आया है। पिछले महीने जार्जिया की महिला टेनिस प्लेयर सोफिया सपतावा ने बताया था कि 250 से नीचे रैंकिंग वाले कुछ खिलाड़ी काफी बड़े संकट से जूझ रहे। वे खाना तक नहीं खरीद पा रहे। हालांकि आईटीएफ ने यह नहीं बताया कि वह ऐसे खिलाडिय़ों को वित्तीय रूप से मदद करने के लिए क्या कर रहा। लेकिन ऐसे समय राष्ट्रों और खिलाडिय़ों का समर्थन करने के लिए विभिन्न विकल्प तलाशे जा रहे।