यूं तो वाराणसी यानि मोक्षदायिनी काशी में गंगा तट पर सनातन रीति से पिंड दान और श्राद्ध करने देश भर लाखों लोग आते ही हैं, लेकिन काशी की मान्यता यहीं तक सीमित नहीं है। दुनिया भर में जिन्हें भी आत्मा की मुक्ति की चाह होती है, वो काशी आकर अपनों के लिए विधिवत कर्मकांड कराते ही हैं। ऐसी ही एक महिला हैं इटली की सारा वरनेजे।

बनारस के घाट पर इटली की महिला ने किया 6 हफ्ते के बच्‍चे का श्राद्ध

 

सारा के पुत्र की पैदा होने के 6 हफ्ते बाद ही मौत हो गई थी। अपने बेटे की मौत से दुखी सारा ने उसकी आत्मा की शांति के लिए वाराणसी आने की सोची। इसी क्रम में वो आज वाराणसी के तुलसीघाट पर पहुंची।

बनारस के घाट पर इटली की महिला ने किया 6 हफ्ते के बच्‍चे का श्राद्ध

 

सारा यहां अपनी एक लोकल मित्र के साथ पहुंची थीं। यहां वो कर्मकांडी विद्धान पंडित विश्वनाथ पांडेय से मिली और अपने बेटे के लिए श्राद्ध करने की इच्छा प्रकट की। साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या एक महिला श्राद्ध और पिंडदान कर सकती है।

बनारस के घाट पर इटली की महिला ने किया 6 हफ्ते के बच्‍चे का श्राद्ध

 

पंडित विश्वनाथ ने बताया कि जिस महिला के पिता और पति न हों या वो उनसे विरत हो तो शास्त्रों के अनुसार वो श्राद्ध और कर्मकांड कर सकती है।

बनारस के घाट पर इटली की महिला ने किया 6 हफ्ते के बच्‍चे का श्राद्ध

 

इसके बाद पंडित जी के कहे अनुसार पूरे शास्त्रीय विधि विधान के अनुसार सारा ने अपने मृत बेटे का पिंडदान और श्राद्ध कराया। काशी के घाट पर महिला का यह कर्मकांड तमाम लोगों के अचरज का केंद्र बना रहा।

 

Photo Credit: Anchal Agrawal, Dainik Jagran-inext, Varanasi

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