नई दिल्ली(ऐजेंसी) पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से घोषणा की थी कि 2022 से पहले एक भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। उनके इस मिशन की तैयार पूरे जोरों से शुरु हो चुकी है। इसरो प्रमुख के शिवन ने आज बताया है कि हम इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के अपने मिशन को पूरा करने के लिए कई जटिल तकनीकों के विकास पर काम कर रहे हैं।

भारत अंतरिक्ष में भेजेगा इंसान,इसरो का 'गगनयान' करेगा ये कमाल

16 मिनट में पहुंच जाएंगे अंतरिक्ष में
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के चेयरमैन के शिवन ने मंगलवार को बताया कि 2022 में लॉन्च होने वाले भारत के गगनयान मिशन के लिए 3 भारतीयों को चुना जाएगा, जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान प्रोग्राम का हिस्सा बनेंगे। इन्हें श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा और सिर्फ 16 मिनट के भीतर वो अंतरिक्ष की सीमा में पहुंच जाएंगे। इसके बाद ये सभी धरती की निचली कक्षा में यानि 300 से 400 किमी की ऊँचाई पर चक्कर लगाते हुए पांच से सात दिन गुजारेंगे। इसके बाद उन्हें क्रू मॉड्यूल के जरिए गुजरात तट के नजदीक अरब सागर में गिराया जाएगा।

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मानव को अंतरिक्ष में भेजने वाला विश्व का चौथा देश बनेगा भारत
इंडिया के पहले मानव सहित स्पेस मिशन को लेकर ने कहा है कि यह मानव अंतरिक्ष- मिशन कार्यक्रम पूरी तरह से एक स्वदेशी होगा। हालांकि, हम स्पेस ट्रेनिंग के लिए चुने गए दल को विदेश में भेज सकते हैं। 2022 तक भारत, अंतरिक्ष में मनुष्यों को भेज कर रूस, अमेरिका और चीन के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। जितेंद्र सिंह ने कहा, "हम पहले अंतरिक्ष में रोबोट या जानवर नहीं भेज रहे हैं। मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के कई फायदे हैं। वे अंतरिक्ष में कई प्रयोग कर सकते हैं और मनोवैज्ञानिक और जैविक परिवर्तन सहित इंसानी व्यवहार में बदलाव का अनुभव कर सकते हैं। उनके मुताबिक, इस मिशन के लिए 10,000 करोड़ रुपये से कम की राशि आवंटित की जाएगी। वास्तव में देखा जाए तो भारत द्वारा इस मिशन पर खर्च की जाने वाली राशि काफी मितव्ययी होगी क्योंकि ऐसे ही मिशन के लिए दूसरे देशों द्वारा काफी ज्यादा रकम खर्च की गई है।

इस साल इसरो अंतरिक्ष में इतने रॉकेट भेजेगा कि इंडिया वाले देखते ही रह जाएंगे

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