यरुशलम (पीटीआई)। इजरायल में पांच महीने के अंदर दूसरी बार हुए चुनाव में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीटें मिली हैं जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड वाइट को उससे एक सीट ज्यादा यानी 32 सीटें मिली हैं। इस चुनाव परिणाम से सबसे ज्यादा दिनों तक प्रधानमंत्री रहे नेतन्याहू की जमीन खिसकने और देश में यूनिटी सरकार बनने का संकेत सामने आया है। नेतन्याहू अप्रैल में हुए चुनाव के बाद बहुमत के साथ गठबंधन नहीं बना पाए थे। 91 फीसद मतगणना होने के बाद केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने कहा कि ब्लू एंड ह्वाइट पार्टी के लिकुड से आगे निकलने की संभावना लग रही है।
बीतेनू पार्टी को नौ सीटें मिली
सीईसी के आंकड़े के मुताबिक, मध्य-वामपंथी घड़े को 56 जबकि नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी धड़े को 55 सीटें मिली हैं। सरकार बनाने के लिए जरूरी 61 सीटों से दोनों पीछे चल रहे हैं। धर्मनिरपेक्ष बीतेनू पार्टी को नौ सीटें मिली हैं। इसके नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एविगदोर लीबरमैन किंगमेकर बनकर उभरे हैं। सत्ता का चाबी अब उनके हाथों में चली गई है। अब वह नए प्रधानमंत्री के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। इस बीच नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि चुनाव परिणाम को देखते हुए प्रधानमंत्री अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए न्यूयार्क नहीं जाएंगे। नेतन्याहू की जगह विदेश मंत्री यीसाराएल कत्ज महासभा को संबोधित करेंगे।
किसी गठबंधन से नहीं जुड़ेंगे लीबरमैन
नेतन्याहू के सहयोगी रहे और अब विरोधी बन चुके 61 वर्षीय लीबरमैन ने बुधवार को कहा कि वह किसी गठबंधन से नहीं जुड़ेंगे। उन्होंने कहा, 'तस्वीर साफ है। एक ही विकल्प है और यह एक व्यापक लिबरल यूनिटी सरकार का है, जिसमें लिकुड, ब्लू एंड ह्वाइट और उनकी अपनी इजरायल बितेनु शामिल रहेगी।'मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेतन्याहू ने व्यापक गठबंधन सरकार बनाने के विचार को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि ऐसी सरकार नहीं बनाई जा सकती जो उन आतंकियों की तारीफ करने वाली पार्टियों के भरोसे हो जिन्होंने हमारे जवानों नागरिकों और बच्चों की हत्या की हो। उल्लेखनीय है कि बहुमत वाली गठबंधन सरकार बनाने में नाकाम रहने पर नेतन्याहू ने मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी।
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इसलिए हुए दोबारा चुनाव
संसदीय चुनाव के अंतिम नतीजे आने में महीनेभर का समय लग सकता है। लेकिन मतगणना की तस्वीर एक-दो दिन में पूरी तरह साफ हो जाएगी। इजरायल में गत अप्रैल में हुए संसदीय चुनाव में लिकुड पार्टी को सबसे ज्यादा 36 सीटें मिली थीं। जबकि ब्लू एंड ह्वाइट पार्टी के खाते में 35 सीटें आई थीं। बाकी सीटों पर दूसरी छोटी पार्टियों ने जीत दर्ज की थी। उस समय नेतन्याहू गठबंधन सरकार बनाने में विफल रहे थे। इसकी वजह से संसद भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा की गई थी।
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