कैसा है मेरकेटर मानचित्र
फ्लैमिश डच नक्शा बनाने वाले गेरॉर्डस मेरकेटर ने 1569 में दुनिया का एक नक्शा बनाया था। वही बड़ा सा नक्शा आपके स्कूलों और कार्यालयों में अब तक प्रमाणिक बता कर टांगा जाता है। अब बोस्टन स्कूल का कहना है कि दरसल वो सही नहीं है। उनका कहना है कि इस नक्शे में चीजों के आकार और आकृति से छेड़छाड़ की गयी है। जैसे अफ्रीका और दक्षिण अमरिका के आकार में हेर फेर है। ऐसे ही इस नक्शे से अलग अफ्रीका ग्रीनलैंड से 14 गुना बड़ा है, ब्राजील अलास्का से पांच गुना बड़ा है और भारत, स्कैंडिनेवियाई देशों से तीन गुना बड़ा है। स्कूल का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ये नक्शा दो आयामी यानि 2डी है। ये बात एक वीडियो के जरिए बताई गयी है।
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Mercator Map
और भी हैं कारण
नक्शे के दो आयामी होने के अलावा भी मेरकेटर नक्शे में कई दूसरी वजहों से गड़बड़ी होने की बात कही जाते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि मेरकेटर ने साम्राज्यवादी मानसिकता के चलते कुछ देशों को छोटा बड़ा दिखाया है। जबकि कुछ का कहना है कि ऐसा नक्शे के अक्षाशों के और देशांतरों में संतुलन लाने के लिए किए गए बदलावों के चलते हुआ है। इसी के चलते भारत को स्कैंडिनेवियाई देशों से छोटा दिखाया गया है। जबकि हकीकत में ये स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क से तीन गुना बढ़ा है। यूरोप को उत्तरी अमरीका से बड़ा दिखाया है, जबकि हकीकत ये नहीं है। इस नक्शे में ब्रिटेन को जापान, न्यूजीलैंड, फिलिपिन्स से बड़ा दिखाया है जबकि यह भी सही नहीं है।
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Peters Map
पीटर्स मानचित्र है सही
बोस्टन स्कूल का कहना है कि अर्नो पीटर्स नाम के नक्शा नवीस ने ज्यादा बेहतर नक्शा तैयार किया है। उसका प्रयास था कि हम विश्व के विभिन्न देशों व लोगों को ज्यादा सही संतुलित नज़रिए से देख पाएं। पीटर्स के नक्शों की तुलना आप खुद करके इस अंतर को पहचान सकते हैं। पीटर्स के नक्शे में देशांश रेखायें समानांतर बनी हैं उसके कारण उत्तरी भूखंड के बढ़े क्षेत्रफल को ठीक करने के लिए उत्तरी अक्षाशों की दूरी को निश्चित अनुपात घटा दिया गया है, जबकि मेरकेटर ने इस दूरी को बढ़ा दिया था। इसके चलते महाद्वीपों के क्षेत्रफल सही अनुपात में बने हैं। इसलिए इस नक्शे में देशों के आकार को सही तरीके से देखा जा सकता है। हालाकि कुछ लोगों ने इस प्रक्रिया के चलते कुछ दूसरी गड़बड़ियों की ओर इशारा किया है। उनका कहना है कि इस नक्शे में आकार ठीक है पर आकृति गड़बड़ हो गयी है। बहरहाल बोस्टन स्कूल पीटर्स मानचित्र को ज्यादा सही मानता है।
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