कई अरब डॉलर और करीब 4,500 हजार अमेरिकन सोल्जर्स की शहादत के बाद अमेरिका ने रविवार को इराक वॉर के खत्म होने का ऐलान कर दिया. रविवार को अमेरिकन आर्मी कालास्ट ट्रूप एकदम सुबह कुवैत पहुंचा. सोल्जर्स ने एक दूसरे को गले लगाया और फिर अपने वतन के लिए रवाना हो गए.
Christmas will be at home
बुधवार को अमेरिकन प्रेसीडेंट बराक ओबामा ने नॉर्थ कैरोलिना में सोल्जर्स को ट्रिब्यूट दिया और ऑफिशियली इराक वॉर के खत्म होने का ऐलान किया. अक्टूबर में ओबामा ने इराक में तैनात सोल्जर्स से वादा किया था कि वो इस साल क्रिसमस अपनी फैमिली के साथ सेलिब्रेट करेंगे. उन्होंने अपना यह वादा निभाते हुए ट्रूप्स की रवानगी का ऑर्डर दिया. गौरतलब है कि ओबामा हमेशा से ही इराक वॉर को क्रिटिसाइज करते आए हैं.
Mission over
यूएस आर्मी के आखिरी 500 ट्रूप्स शनिवार को ही कुवैत पहुंच गया. यहां से सुबह 7:30 बजे की फ्लाइट से ट्रूप को अमेरिका रवाना किया गया. सोल्जर्स की आंखों में आंसू थे और वो काफी खुश थे. हर किसी को अपने घर जाने की जल्दी और अपने फैमिली मेंबर्स को गले लगाने की बेताबी थी. एक अमेरिकन सोल्जर्स रूडोल्फ रूइज ने बताया कि जैसे ही उन्हें कुवैत बॉर्डर का गेट नजर आया वो खुशी से चीख पड़े. इसके बाद उन्होंने तुरंत अपने साथियों से कहा कि ‘मिशन ओवर’. इसके बाद उन्होंने अपने घर पर फोन करके अपनी पत्नी और बच्चों को अपने आने की खबर दी. वो कहते हैं कि अब बस जल्दी से जल्दी घर पहुंचकर उन्हें गले लगाने की ख्वाहिश है.
लेकिन कुछ सवाल
अमेरिका ने नौ साल के बाद इराक वॉर के खत्म होने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन कुछ मिलिट्री लीडर्स का कहना है कि ये अभी जल्दबाजी में उठाया गया कदम है. वो इसे इराकी सिक्योरिटी फोर्सेज के लिए गलत कदम बता रहे हैं. कुछ लोग सवाल भी कर रहे हैं कि क्या अमेरिका के जाने के बाद से इराक की नई सरकार यहां के लोगों को सिक्योरिटी दे पाएगी? क्या वो किसी भी बड़े अटैक से लोगों को बचा सकेगी?
अभी रहेगी मौजूदगी
फोर्सेज ने भले ही इराक को अलविदा कह दिया हो, पर अभी इराक में अमेरिकी मौजूदगी रहेगी. अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक इराक में अगले कुछ महीनों तक 100 नॉन मिलिट्री पर्सनल्स, 1700 डिप्लोमैट्स, लॉ इंफोर्समेंट ऑफिसर्स, इकोनॉमिक, एग्रीकल्चर और कई एक्सपट्र्स मौजूद रहेंगे. अमेरिकंस की सिक्योरिटी के लिए 5000 सिक्योरिटी और दूसरे 4500 कांट्रेक्टर्स यहां पर रहेंगे.
क्या सोचते हैं इराकी
आइए आपको बताते हैं कि आखिर इस वॉर के बारे में इराक के लोग क्या सोचते हैं. ये रिजल्ट्स ब्रिटिश मिलिट्री ऑफ डिफेंस की ओर से कराए गए पोल के बाद हासिल हुए...
- 82 परसेंट इराकियों ने अपने देश में अमेरिकन फौज की मौजूदगी का विरोध किया था.
- एक परसेंट से भी कम इराकी ये सोचते हैं कि अमेरिकन या दूसरे देश की फोर्सेज की वजह से उनके देश में कोई इंप्रूवमेंट हो पाएगा.
- 67 परसेंट इराकी फोर्सेज के ऑक्यूपेशन के बाद से ही अपने देश में इनसिक्योर फील करते हैं.
- 72 परसेंट इराकियों को मल्टी-नेशनल फोर्सेज पर जरा भी भरोसा नहीं है.
क्यों हुआ था इराक war
सेकेंड इराक वॉर की शुरुआत 20 मार्च 2003 को हुई थी जब अमेरिकन आर्मी ने आधी रात में बगदाद पर मिसाइल अटैक किया था. ये लड़ाई डिक्टेटर सद्दाम हुसैन को खत्म करने के मकसद से शुरू की गई थी. अमेरिका को शक था कि सद्दाम हुसैन ने अपने देश में बायोलॉजिकल वेपेंस छिपाकर रखे हैं. अमेरिका को यह भी शक था कि हुसैन के रिलेशंस अल-कायदा के साथ हैं. इन्हीं वजहों ने पहले 1990 में जॉर्ज बुश सीनियर और फिर 2003 में जॉर्ज बुश जूनियर ने इराक पर हमला बोला. 30 दिसंबर 2006 को सद्दाम हुसैन का खात्मा हो गया.
Iraq war in numbers
2003 में शुरू हुए इराक वॉर को ऑक्यूपेशन इन इराक, सेकेंड गल्फ वॉर या ऑपरेशन इराकी फ्रीडम का नाम भी दिया गया. आइए आपको इस वॉर के कुछ खास प्वॉइंट्स के बारे में बताते हैं
3,187 दिन अमेरिकन आर्मी ने इराक में बिताए.
1 ट्रिलियन डॉलर का खर्च.
1,500,00 यूएस सिटीजंस ने दी सर्विसेज.
170,000 ट्रूप्स के साथ 2007 के दौरान इराक में अमेरिका का हाइएस्ट नंबर ऑफ ट्रूप्स डिप्लॉयमेंट.
4,485 सोल्जर्स शहीद.
32,226 यूएस सोल्जर्स घायल हुए.
20 परसेंट सोल्जर्स को सीरियस ब्रेन या स्पाइनल इंजरी का शिकार.
113,728 इराकी सिटीजंस की मौत.
180 इराकियों की मौत नवंबर से दिसंबर के बीच हुई.
हर 80 मिनट में यूएस, इराकी या फिर अफगानिस्तानी ने अपनी जान देने की कोशिश की.
30 परसेंट यूएस ट्रूप्स ने सीरियस मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम के बारे में रिपोर्ट किया.
75 हेलीकॉप्टर्स का अमेरिका को नुकसान, 36 दुश्मन का शिकार.
150 जर्नलिस्ट्स ने भी अपनी जान गंवाई. 98 का मर्डर और 52 वॉर के शिकार.
14 जर्नलिस्ट्स यूएस फोर्सेज की तरफ से मारे गए.
10,125 इराकी सोल्जर्स और पुलिस वालों की जान 31 जुलाई 2011 तक गई
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