सुधारवादी गुट के समर्थन वाले धार्मिक नेता हसन रूहानी को 50 फीसदी मत हासिल हुए हैं. उन्होंने अपनी जीत को 'अतिवाद पर धैर्य की फ़तह' बताया है.

अमरीका ने कहा है कि वो परमाणु कार्यक्रम पर ईरान से सीधे बात करने को तैयार है. लेकिन अमरीका के बयान में सीधे सीधे रूहानी को बधाई नहीं दी गई है. उसने चुनाव में 'पारदर्शिता की कमी' और 'सेंसरशिप' के मुद्दे पर चिंता जताई है. हालांकि उसने ईरान की जनता को बधाई दी.

कई पश्चिमी देशों ने कहा है कि बरसों से चली आ रही टकराव की नीति को छोड़कर ईरान सकारात्मक रुख अपनाए. शुक्रवार को हुए मदतान में 72 फीसद से भी अधिक मतदाताओं ने वोट डाले. आंतरिक मंत्रालय ने कहा है कि रूहानी ने करीब एक करोड़ पच्चासी लाख मतों से जीत हासिल की है.

शपथ

देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़मेनेई 3 अगस्त को इन वोटों की पुष्टि करेंगे जिसके बाद नए राष्ट्रपति संसद में शपथ लेंगे. राजधानी में जश्न का माहौल था, हज़ारों लोग, जिसमें बहुत से शहरियों ने जामुनी रंग के लिबास पहन रखे थे, सड़कों पर निकल आए.

हालांकि सुरक्षा बल वहां मौजूद थी लेकिन उसने लोगों को ऐसे वक्त में नहीं रोका. लोग नारे लगा रहे थे: 'रूहानी ज़िदाबाद.' समाचार एजेंसी एएफ़पी ने एक छात्र के हवाले से कहा, "मैं आठ साल के बाद लोगों के चेहरे पर इतनी ख़ुशी देख रहा हूं. मुझे लोगों के चेहरे खिले खिले दिख रहे हैं." भीड़ में मौजूद एक दसूरे शख्स अशख़ान का कहना था, "हम खुशी मना रहे हैं. ईरान में फिर से उम्मीद की किरन जागी है."

इस चुनाव में भाग लेने वाले छह उम्मीदवारों को रुढ़िवादी माना जाता है लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि 64 वर्षीय धार्मिक नेता रूहानी 'उदार' हैं. उन्होंने संसद में कई पद संभाले हैं. वो क्लिक करें मुख्य परमाणु वार्ताकार के रूप में काम कर चुके हैं और हाल के दिनों में सुधारवादियों की ओर बढ़े हैं.

पश्चिमी देश

हालांकि उन्होंने पश्चिमी मुल्कों से बेहतर रिश्तों की तरफ संकेत दिए हैं लेकिन संवाददाताओं का कहना कि असल ताक़त अभी भी धार्मिक नेताओं और रिवोल्यूशनरी गार्ड के हाथ में है. अमरीका ने ईरान से सीधे बातचीत करने की बात कही है.

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने नए राष्ट्रपति से अपील की है कि वो ईरान के नए रास्ते पर ले जाएं और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की चिंताओं पर विचार करें. ब्रिटेन ने रूहानी से मुल्क में मानवधिकार के मुद्दों पर भी गौर करने की बात कही है. फ्रांस ने कहा है कि वो नए नेता के साथ 'काम करने को' तैयार है. हालांकि इसराइल ने सीधे-सीधे कहा है कि ईरान को अपना परमाणु कार्यक्रम रोकना चाहिए और दुनियां में आतंकवाद को बढ़ावा देना ख़त्म करना चाहिए.

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