ईरान अपने ख़िलाफ़ लगे प्रतिबंधों में राहत के बदले कुछ परमाणु गतिविधियां बंद करने पर राज़ी हो गया है.

लेकिन इसराइल ने इस समझौते को 'ऐतिहासिक भूल' बताया है.

ईरान के राष्ट्रपति ने कहा है कि परमाणु संवर्धन के उसके अधिकार को मान्यता दी गई है, लेकिन जॉन कैरी ने इससे इंक़ार किया है.

ईरान पांच प्रतिशत से ऊपर यूरेनियम संवर्धन रोकने पर सहमत हुआ है.

विश्व ताक़तों को संदेह है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बहाने परमाणु बम तैयार कर रहा है. ईरान इस आरोप को ख़ारिज़ करता रहा है.

जिनेवा में हुआ समझौता छह महीने के लिए वैध है.

अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ये कहकर समझौते का स्वागत किया है कि ''इससे ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने में मदद मिलेगी.''

ईरान ख़ुश इसराइल नाख़ुश

ईरान समझौते से महफ़ूज़ होगा मध्य पूर्व: कैरी

ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा है कि ''इससे पता चलता है कि कूटनीति और कड़े प्रतिबंधों से हमें अपने राष्ट्रीय हितों की ओर बढ़ने में किस तरह मदद मिलती है.''

अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने एबीसी के 'दिस वीक' कार्यक्रम में कहा कि अमरीका और इसराइल के लक्ष्य एक जैसे है और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने की दिशा में ये समझौता पहला कदम है.

कैरी ने इस समझौते को इसराइल के पक्ष में बताते हुए उम्मीद जताई कि कांग्रेस इस समझौते के फ़ायदों को समझेगी और नये प्रतिबंध लगाने से बचेगी.

लेकिन इसराइल इस समझौते से नाख़ुश है. इसराइल के प्रधानमंत्री ने कहा, ''इसराइल के कई दोस्त और सहयोगी हैं, लेकिन जब वो कोई भूल करेंगे तो उसे बताना मेरी ज़िम्मेदारी है.''

वहीं एक राष्ट्रव्यापी प्रसारण में ईरान के राष्ट्रपति रोहानी ने दोहराया कि उनका देश कभी परमाणु हथियार नहीं बनाएगा.

साथ ही उन्होंने कहा, ''कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि व्याख्या कैसे की जा रही है, संवर्धन के ईरान के अधिकार को मान्यता दी गई है.''

उन्होंने समझौते की ये कहते हुए सराहना की है कि ये ईरान के बुनियादी उसूलों के हिसाब से है.

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने भी इस समझौते का स्वागत किया है.

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