कानपुर। इंडियन प्रीमियर लीग का 12वां सीजन सिर्फ खिलाड़ियों ही नहीं अंपायरों को लेकर भी चर्चा में रहा। इस साल वो सबकुछ देखने को मिला जो आईपीएल इतिहास में कभी नहीं हुआ। कैप्टन कूल कहे जाने वाले धोनी जहां मैदान पर लड़ बैठे। वहीं अंपायर ने गुस्से में दरवाजा तोड़ा। देखें इस सीजन के पांच चर्चित मामले...
कैप्टन धोनी लूज हिज कूल
इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन का 25वां मैच काफी विवादित रहा। ये मैच चेन्नई सुपर किंग्स बनाम राजस्थान राॅयल्स के बीच खेला गया था। धोनी की टीम चेन्नई ने इस मैच में चार विकेट से जीत दर्ज की। मगर मैदान में अंपायर के साथ लड़ाई करना धोनी को महंगा पड़ गया। दरअसल नो बाॅल को लेकर माही डग आउट से मैदान में अंपायर से बहस करने आ गए। जिसके चलते धोनी को कोड ऑफ कंडक्ट लेवल 2 का उल्लंघन करने पर दोषी पाया गया था। माही को सजा के तौर पर उनकी 50 प्रतिशत मैच फीस काट ली गई। वैसे आपको बता दें धोनी पर दो मैच का बैन भी लग सकता था।
मांकडिंग रन आउट
जयपुर के सवाईमान सिंह स्टेडियम में राजस्थान राॅयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब की टीमें आमने-सामने थीं। वैसे तो यह मैच पंजाब ने 14 रनों से जीता मगर लक्ष्य का पीछा करने उतरी राजस्थान की टीम के तूफानी बल्लेबाज जोस बटलर का रन आउट काफी विवादित रहा। अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश कर रहे जो बटलर जब 69 रन पर थे तो उन्हें पंजाब के गेंदबाज आर अश्विन ने 'मांकड़ रन आउट' कर दिया। दरअसल अश्विन के गेंद फेंकने से पहले ही नाॅन स्ट्राइकर एंड पर खड़े बटलर क्रीज से बाहर निकल आए और अश्विन ने उन्हें रन आउट कर दिया।
अंपायर ने छुपी ली गेंद
इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन में अंपायर को लेकर काफी चर्चा रही। कभी नो बाॅल तो कभी गलत आउट को लेकर अंपायर जहां दर्शकों के निशाने पर रहे। वहीं अब बुधवार को किंग्स इलेवन पंजाब बनाम राॅयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच मैच में अंपायर ने गेंद गायब कर सबको हैरान कर दिया। दरअसल आरसीबी की पारी के 14 ओवर के बाद टाइम आउट दिया गया। ढाई मिनट के ब्रेक के बाद सभी खिलाड़ी तो मैदान पर आ गए थे मगर गेंद कहां थी, ये किसी को नहीं पता। दोनों अंपायर भी एक-दूसरे से बाॅल के बारे में पूछने लगे। इसके बाद नई बाॅल मंगवाई गई। नई गेंद आते ही अंपायर शमसुद्दीन ने जब अपनी जेब में हाथ डाला तो पता चला कि गेंद उनके पास है। दरअसल टाइम आउट से पहले अंपायर ने गेंद अपनी पाॅकेट में रख ली थी मगर ब्रेक के बाद उन्होंने हर जगह गेंद ढूंढी, सिवाए अपनी जेब के। इस वाक्ये के बाद मैदान में मौजूद सभी खिलाड़ी जोर से हंसने लगे।
फील्डिंग में बाधा डालने पर आउट
दिल्ली बनाम हैदराबाद एलिमिनेटर मैच में अमित मिश्रा के साथ एक अनोखी घटना घटी। दिल्ली की पारी के 20वें ओवर में आखिरी तीन गेंदों में दिल्ली को जीत के लिए 2 रन चाहिए थे। सनराइजर्स की तरफ से खलील अहमद आखिरी ओवर फेंक रहे थे। मिश्रा ने खलील की तीसरी गेंद पर बल्ला लगाने की कोशिश की मगर वह चूक गए। गेंद पीछे विकेटकीपिंग कर रहे साहा के पास चली गई। इस बीच मिश्रा रन लेने के लिए भाग पड़े, नाॅन स्ट्राइकर बल्लेबाज कीमो पाॅल तो दूसरे छोर पर पहुंचे गए। मगर मिश्रा की रनिंग धीमी थी। साहा ने थ्रो खलील की तरफ फेंका। गेंदबाज ने गेंद पकड़ते ही मिश्रा को रनआउट करने के लिए स्टंप में निशाना साधा मगर अमित बीच क्रीज में दौड़ पड़े और थ्रो को विकेट में लगने नहीं दिया। मिश्रा की फील्डिंग में बाधा डालने पर खलील ने अपने कप्तान से डीआरएस रिव्यू की मांग की। रिप्ले में देखा गया कि मिश्रा जानबूझकर खलील के थ्रो के बीच आए ताकि वह रनआउट न हों। बस फिर क्या मिश्रा को फील्डिंग में बाधा डालने के चक्कर में अाउट करार दिया गया। इससे पहले 2013 में पुणे के खिलाफ युसुफ पठान को भी इसी तरह से आउट करार दिया गया था।
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अंपायर ने तोड़ दिया दरवाजा
ये मामला 4 मई का है, जब विराट कोहली की कप्तानी में राॅयल चैलेंजर्स बैंगलोर सीजन का आखिरी मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेल रही थी। बीच मैच में आरसीबी के तेज गेंदबाज उमेश यादव की एक गेंद को अंपायर लाॅन्ग ने नो-बाॅल करार दे दिया। जबकि रिप्ले में देखा गया कि उमेश का पैर लाइन के अंदर था। फिर क्या बैंगलोर के कप्तानी कोहली अंपायर से भिड़ बैठे। खैर लाॅन्ग ने अपना फैसला तो नहीं बदला, मगर कोहली के बहस करने पर वह काफी नाराज हो गए। इनिंग ब्रेक के बाद अंपायर रूम में आते ही लाॅन्ग ने दरवाजे पर जोर से लात मारी जिससे वह टूट गया। आईसीसी के एलिट अंपायरों में शामिल लाॅन्ग का ये व्यवहार कई लोगों को हैरान कर गया। बाद में लाॅन्ग ने नुकसान की भरपाई के लिए 5000 रुपये दिए थे।