नई दिल्ली (एएनआई)। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 10 अप्रैल को चेन्नई सुपर किंग्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स के बीच आईपीएल 2021 का दूसरा मैच खेला जाएगा। इस मैच को लेकर टीमों ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है और ग्राउंड स्टाॅफ भी पिच बनाने में लगा है। मगर इन तैयारियों को बड़ा झटका लगा है। वानखेड़े में एक ग्राउंड स्टाॅफ कोरोना पाॅजिटिव निकला है। यह खबर सामने आते ही फ्रेंचाइजी अलर्ट हो गई हैं और उन्होंने और सावधानी बरतनी शुरु कर दी है।
फ्रेंचाइजी हुई चिंतित
एएनआई से बात करते हुए, एक फ्रेंचाइजी अधिकारी जो फिलहाल मुंबई में है। उन्होंने कहा कि ग्राउंड स्टाॅफ के कोरोना संक्रमित होने के बाद हमें सख्त प्रोटोकाॅल को पालन करने की आवश्यकता है। टूर्नामेंट शुरू होने के कुछ दिन पहले जब आप इस तरह की बातें सुनते हैं, तो आप थोड़ा चिंतित हो जाते हैं। हम सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं, लेकिन जाहिर है, जब ऐसी कोई खबर आती है, तो यह हमें थोड़ा सावधान करती है। अधिकारियों ने कहा कि चीजों को यथासंभव चुस्त-दुरुस्त बनाए रखना चाहिए।
कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ एक शख्स
एक अन्य फ्रेंचाइजी अधिकारी ने कहा कि यह टूर्नामेंट में आने वाले सभी लोगों के लिए एक वेक-अप कॉल था। वह कहते हैं, "यह वास्तव में टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले एक वेक-अप कॉल के रूप में काम कर सकता है। कभी-कभी हम बुलबुले के अंदर जाने के बाद थोड़ा सहज हो जाते हैं। लेकिन यह सुनिश्चित करेगा कि हम हर प्रोटोकॉल का पालन करें और इसमें कोई गड़बड़ी न हो।" वानखेड़े इस सीजन में 10-25 अप्रैल तक 10 आईपीएल खेलों की मेजबानी करने के लिए तैयार है। मुंबई स्टेडियम में पहला मैच 10 अप्रैल को दिल्ली कैपिटल और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला जाना है।
मुंबई में खेले जाएंगे कई मैच
चार फ्रेंचाइजी - दिल्ली कैपिटल, मुंबई इंडियंस, पंजाब किंग्स और राजस्थान रॉयल्स ने मुंबई में अपना बेस तैयार कर लिया है। गुरुवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज नीतीश राणा 22 मार्च को पाॅजिटिव आए थे, हालांकि वह अब निगेटिव आ गए हैं। उनका गुरुवार को एक और कोविड टेस्ट हुआ जिसमें उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। वह जल्द ही 11 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ शुरुआती खेल पर नजर रखने के साथ प्रशिक्षण शुरू करेंगे।
एसओपी के नियम सख्त
BCCI SOP के मुताबिक एक खिलाड़ी जो पाॅजिटिव निकलता है, उसे लक्षणों के पहले दिन से कम से कम 10 दिनों के लिए बायो बबल से बाहर क्वारंटीन में रहना होगा। 10-दिन क्वारंटीन के दौरान, उस खिलाड़ी को पूरी तरह से आराम करना होगा। इस दौरान वह किसी भी तरह का अभ्यास नहीं कर सकता। टीम के डॉक्टर को नियमित रूप से मामले की निगरानी करनी होगी। यदि क्वारंटीन के दौरान लक्षण बिगड़ते हैं, तो प्लेयर को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना होगा।
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