नई दिल्ली / मुंबई (रायटर्स)। चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी वीवो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2020 सीजन के लिए टाइटल स्पॉन्सर बनने से पीछे हट गई है। इस मामले की प्रत्यक्ष जानकारी के साथ दो सूत्रों ने रायटर्स को बताया कि, भारत में चीनी कंपनियों के खिलाफ बढ़ते संघर्ष को देखते हुए वीवो ने यह फैसला लिया है। स्मार्टफोन निर्माता वीवो ने 2018-2022 के लिए आईपीएल प्रायोजन अधिकार लगभग 22 बिलियन रुपये (293 मिलियन डॉलर) में हासिल किया था। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के एक सदस्य ने कहा, "उन्होंने (वीवो) इस साल के टाइटल स्पॉन्सरशिप से हाथ खींच लिए हैं। हम एक नए साथी की तलाश कर रहे हैं। जल्द ही सब कुछ फाइनल हो जाएगा।"
वीवो ने आईपीएल 2020 से पीछे खींचे हाथ
सदस्य ने निर्णय के कारणों पर विस्तृत रूप से चर्चा करने से इनकार कर दिया, लेकिन एक दूसरे सूत्र जो आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के मेंबर भी है। उन्होंने कहा कि वीवो ने कोविड -19 महामारी के कारण कमजोर कारोबारी माहौल और व्यापक रूप से चीन विरोधी भावना के कारण आंशिक रूप से यह फैसला लिया है। हालांकि दोनों सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की, वीवो सिर्फ इस साल आईपीएल का टाइटल स्पाॅन्सर नहीं बन रहा है। इस मामले पर जब वीवो से पूछा गया तो उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया। वहीं भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और आईपीएल के अध्यक्ष बृजेश पटेल की तरफ से फिलहाल कोई बयान नहीं आया। हालांकि बाद में बीसीसीआई ने इस बात की पुष्टि कर दी।
नए प्रायोजक को ढूंढना चुनौती
जून में भारत-चीन सीमा पर संघर्ष के बाद भारत में चीनी कंपनियों पर दबाव बढ़ रहा है। भारत ने चीनी एप टिकटॉक सहित 58 अन्य चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, और देश में निवेश करने की इच्छुक चीनी कंपनियों के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को और अधिक कठोर बना दिया है।हालांकि सूत्र का कहना है कि भारत का क्रिकेट बोर्ड, बीसीसीआई, वीवो को बनाए रखना चाहता है क्योंकि मौजूदा आर्थिक माहौल में एक नया प्रायोजक ढूंढना आसान नहीं होगा। आईपीएल 2020 इस साल भारत में न होकर दुबई में आयोजित की जाएगी।
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