आईपीएल में होगा डीआरएस का इस्तेमाल
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल के 11वें सीजन में डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) का प्रयोग करने के लिए मंजूरी दे दी है। अब आईपीएल के इस सीजन में पहली बार खिलाड़ी डिसीजन रिव्यू ले सकते हैं। इससे पहले बोर्ड इस रिव्यू सिस्टम के प्रयोग को लेकर कतराती थी। बोर्ड का मानना था कि ये फुलप्रूफ नहीं है लेकिन ज्यादातर मैचों पर इस रिव्यू का फैसला सही साबित हुआ है। जिस दौरान अब बोर्ड ने आईपीएल में भी इसे लागू कर दिया है।
डीआरएस को लेकर काफी उत्सुक
सूत्रों द्वारा बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि बीसीसीआई डीआरएस को लेकर काफी उत्सुक थी और इस साल हमने फैसला किया कि इसे आईपीएल में भी लागू किया जाए। टूर्नामेंट में सभी अच्छे नियम लागू होते हैं तो फिर डीआरएस क्यों नहीं। पिछले डेढ़ साल से हम भारत के अंतर्राष्ट्रीय मैचो में इसका प्रयोग कर ही रहे हैं। हाल ही में गुजरे 2017 दिसंबर में आईपीएल को ध्यान में रखते हुए देश के शीर्ष 10 अंपायरों की एक वर्कशॉप का आयोजन विशाखापट्टनम में किया था। आईसीसी के अंपायरों के कोच डेनिस बन्र्स और ऑस्ट्रेलिया के अंपायर पॉल रीफेल ने भारतीय अंपायरों को नई तकनीक के बारे में बताया था। तब इस वर्कशॉप में हिस्सा लेने वाले एक अंपायर ने कहा था कि, भारतीय घरेलू क्रिकेट में अभी तक डीआरएस का प्रयोग नहीं हुआ है। चुंकि आईपीएल के लिए स्थानीय अंपायर ही अंपायरिंग करेंगे इसलिए उनको इस बारे में पता होना बेहद जरुरी है। हमें कहा गया कि इस आईपीएल सीजन से डीआरएस का प्रयोग होगा और हमें उसकी जानकारी होनी चाहिए।
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7 अप्रैल से शुरु होगी जंग
आईपीएल का 11वां सीजन 7 अप्रैल से 31 मई तक खेला जाएगा जिसमें दुनिया भर के दिग्गज खिलाड़ी खेलेंगे। आईपीएल पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित टूर्नामेंट बन चुका है और इसमें उच्च स्तर के कोच और खिलाड़ी शिरकत करते हैं ऐसे में बीसीसीआई का ये कदम सराहनीय होगा। हालांकि देखने वाली बात ये होगी कि भारतीय अंपायर इसको लेकर कितने सहज रहते हैं।
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