लगभग डेढ़ महीने चली दुनिया की सबसे बड़ी टी-20 लीग यानी आईपीएल के सीजन 10 का क्लाईमेक्स आ गया है। रविवार को हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने वाले ग्र्रैंड फिनाले में वो दो टीमें आमने-सामने होंगी, जो प्वॉइंट्स टैली में भी पहले और दूसरे पायदान पर रही हैैं। एक ओर जहां दो बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस है, जिसकी नजरें आईपीएल-10 का खिताब जीतकर तीन खिताब जीतने वाली पहली टीम बनने पर हैं। वहीं दूसरी ओर अपना महज दूसरा और आखिरी आईपीएल खेल रही राइजिंग पुणे सुपरजायंट है, जो पहला खिताब जीतकर इस टूर्नामेंट को अलविदा कहना चाहती है। हालांकि क्वालीफायर और लीग मैचों में सुपरजायंट ने मुंबई इंडियंस को मात दी है, लेकिन फाइनल में उसके लिए राह इतनी आसान नहीं होगी। दोनों टीमों का मौजूदा फॉर्म देखते हुए कोई क्रिकेट पंडित प्रेडिक्शन नहीं करना चाहता, लेकिन इतना तय है कि दोनों ही टीमों ने इस सीजन में जैसा प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए आईपीएल का ताज किसी के भी सिर सज सकता है।
इस सीजन में भारी पड़ी पुणे
कागजों पर पुणे की टीम मजबूत है, क्योंकि स्टीव स्मिथ की कप्तानी वाली इस टीम ने इस सीजन में मुंबई को तीन बार मात दी है। लीग राउंड में हुए दो मुकाबलों में पुणे ने मुंबई पर जीत हासिल की थी, जबकि इसके बाद दोनों टीमें पहले क्वालीफायर में टकराईं, जहां एक बार फिर पुणे ने मुंबई को परास्त किया। पहला क्वालीफायर जीतने के बाद पुणे ने सीधे फाइनल में जगह बनाई और हारने वाली मुंबई को दूसरे क्वालीफायर में एलिमिनेटर मैच की विनर कोलकाता नाइट राइडर्स से भिडऩा पड़ा। हालांकि मुंबई ने दूसरे क्वालीफायर में बाजी मारते हुए पुणे के साथ खिताबी भिड़ंत तय की।
अजीब कोइंसिडेंस
इससे पहले मुंबई तीन बार फाइनल में पहुंची है। इस साल चौथी बार उसने फाइनल में जगह बनाई है। उसके साथ इत्तेफाक यह है कि फाइनल में उसे महेंद्र सिंह धोनी हमेशा मिले हैं। 2010 में चेन्नई सुपर किंग्स ने मुंबई को हराकर खिताब जीता था तो 2013 और 2015 में चेन्नई को हराकर ही मुंबई ने खिताब जीता था। तीनों बार चेन्नई के कप्तान धोनी थे। हालांकि इस बार धोनी पुणे के कप्तान नहीं बल्कि खिलाड़ी के रूप में खेल रहे हैं, लेकिन पुणे को फाइनल तक पहुंचाने में उनका अहम रोल रहा है। इस दिलचस्प कोइंसिडेंस ने भी इस मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।
मुंबई का बढ़ा कांफिडेंस
फाइनल में मुंबई की टीम कोलकाता के खिलाफ अपने बेहतरीन एकतरफा प्रदर्शन से मिले आत्मविश्वास के साथ जाएगी। मुंबई के पास बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में गहराई है। साथ ही उसके पास अच्छे विकल्प भी मौजूद हैं। उसकी पार्थिव पटेल और लेंडल सिमंस के सलामी जोड़ी ने हमेशा अच्छी शुरुआत प्रदान की है। नितीश राणा ने बल्ले से इस सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन चोट के बाद वापसी करने वाले अंबाती रायडू ने भी बल्ले से प्रभावित किया है। पांड्या भाइयों कृणाल और हार्दिक ने बल्ले और गेंद दोनों से प्रभावित किया है। कीरोन पोलार्ड ने अहम समय पर फॉर्म में वापसी करते हुए टीम को यहां तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। गेंदबाजी में मुंबई काफी मजबूत हैं। उसके पास जसप्रीत बुमराह और लसिथ मलिंगा जैसे डेथ ओवर्स के एक्सपट्र्स बॉलर हैं। न्यूजीलैंड के मिशेल मैक्लीनाघन के चोटिल होने के बाद मिशेल जॉनसन ने उनकी कमी नहीं खलने दी है।
धोनी फिर बनेंगे फिनिशर?
दूसरी तरफ , पुणे का यह आखिरी आईपीएल होगा और इसलिए वह हर हाल में जीत की कोशिश करेगी। सीजन की शुरुआत में कप्तानी से हटाए गए धोनी अगले साल से अपनी टीम चेन्नई की जर्सी में दिखेंगे, लेकिन इस दौरान काफी आलोचना झेल चुके धोनी के पास यह शानदार मौका है अपने आलोचकों को शांत करने का। पुणे की बल्लेबाजी में राहुल त्रिपाठी पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। वहीं अनुभवी अजिंक्य रहाणे को भी जीत के लिए बल्ले का मुंह खोलना होगा। मिडिल ऑर्डर में स्मिथ और मनोज तिवारी अच्छी फॉर्म में हैं और अंत में धोनी के रूप में पुणे के पास शानदार फिनिशर है। जयदेव उनादकट, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर के रूप में पुणे का अटैक भी मजबूत है।
दोनों टीमों का पिछला इतिहास?
-पुणे की टीम मौजूदा सीजन के अलावा क्वालीफायर में भी मुंबई को हराकर फाइनल में पहुंची थी। ऐसे में उसके पास मनोवैज्ञानिक बढ़त रहेगी।
-पिछले सीजन यानी 2016 में पुणे और मुंबई के बीच दो मैच हुए थे। पहले मैच में पुणे ने 9 विकेट से जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे मैच में पुणे को उसके होम ग्राउंड पर मुंबई इंडियंस ने 8 विकेट से शिकस्त दी थी।
-ओवरआल परफॉर्मेंस की बात करें तो मुंबई इंडियंस लीग राउंड में 20 प्वॉइंट्स के साथ टॉप पर रही थी, जबकि राइजिंग पुणे सुपरजायंट टीम 18 प्वॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर रही थी।
-मुंबई ने 14 मैचों में 10 मैचों में जीत दर्ज की, जबकि स्टीव स्मिथ की कप्तानी में पुणे ने 14 मैचों में 9 मैच जीते थे।
मुंबई का चौथा फाइनल
-मुंबई की टीम दो बार साल 2013 और 2015 में आईपीएल चैंपियन रही थी, जबकि 2010 में उसे चेन्नई सुपरकिंग्स से हारकर रनर्स-अप रहना पड़ा था।
-आईपीएल के अपने दोनों फाइनल में मुंबई ने चेन्नई सुपर किंग्स को शिकस्त दी थी।
-2013 में टीम ने चेन्नई को 23 रन से और 2015 में 41 रन से हराकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था।
पुणे का पहला सीजन
-2016 के सीजन में राइजिंग पुणे सुपरजायंट की एंट्री धमाकेदार रही थी। इसने मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियंस को 9 विकेट से पहले मैच में ही मात दी थी, लेकिन वह आगे अपनी लय को बरकरार नहीं कर सकी।
-अगले चार मैचों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। हार जीत का यह सिलसिला चलता रहा था और पूरे सीजन में टीम केवल 14 में से 5 मैच ही जीत सकी थी।
इंडियंस पर भारी पड़े हैं कंगारू
आईपीएल-10 का फाइनल खेलने के लिए जब रविवार को रात 8 बजे मुंबई इंडियंस और राइजिंग पुणे सुपरजायंट उतरेंगे तो पुणे के कप्तान स्टीव स्मिथ पहली बार कप्तान के रूप में खिताब जीतना चाहेंगे तो वहीं रोहित शर्मा की नजर तीसरी बार चैंपियन बनने पर रहेगी। अगर आईपीएल के इतिहास पर नजर डालें तो बतौर कप्तान कंगारुओं का यहां रिकॉर्ड इंडियंस के मुकाबले बेहतर रहा है। आईपीएल के पहले सीजन (2008) की विनर टीम राजस्थान रॉयल्स के कप्तान महान आस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वॉर्न ही थे। इसके बाद आस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में डेक्कन चार्जर्स ने 2009 का खिताब जीता था। आईपीएल जीतने वाले तीसरे कंगारू कप्तान डेविड वार्नर रहे। उनकी कप्तानी में सनराइजर्स हैदराबाद ने साल 2016 का खिताब जीता था। अब अगर स्टीव स्मिथ जीत दर्ज करते हैं तो ऐसा करने वाले वह चौथे आस्ट्रेलियाई कप्तान बन जाएंगे। अगर इंडियंस की बात करें तो धोनी के अलावा रोहित और गंभीर के रूप में सिर्फ 3 इंडियंस ही खिताब जीत सके हैं।
Cricket News inextlive from Cricket News Desk
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