रोहतक (एएनआई)। दिल्ली में पहलवानों ने आखिर धरना खत्म कर दिया। पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर एक सात सदस्यीय समिति बनाई गई है। जिसमें पूर्व भारतीय रेसलर योगेश्वर दत्त भी शामिल हैं। योगेश्वर ने कहा, कि पैनल आठ से दस दिनों के भीतर एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे बाद में खेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्तुत किया जाएगा। IOA ने शुक्रवार को घोषणा की, कि भारतीय कुश्ती संघ (IOA) ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति के सदस्यों में ओलंपिक पदक विजेता मैरी कॉम, पूर्व तीरंदाज डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, लंदन ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और दो अधिवक्ता शामिल हैं।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद 10 दिनों में रिपोर्ट
योगेश्वर ने मीडिया से कहा, "कमेटी दोनों पक्षों को सुनने के बाद 8-10 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट तैयार करेगी। हम खेल मंत्रालय और गृह मंत्रालय दोनों के साथ-साथ प्रधानमंत्री को भी रिपोर्ट भेजेंगे।" दत्त ने कहा कि आरोप अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई समझौता नहीं हो सकता। अगर ऐसा हुआ है, तो इसकी जांच होनी चाहिए और आरोपी को दंडित किया जाना चाहिए।" साथ ही, अगर आरोप झूठे हैं, तो इसकी जांच की जानी चाहिए कि उन्हें क्यों लगाया गया और इसके पीछे क्या मकसद था?'
चार हफ्ते में मिलेगा न्याय
बता दें पहलवानों का विरोध शनिवार को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद खत्म कर दिया गया था, जिसमें घोषणा की गई थी कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह आरोपों की "निगरानी समिति" द्वारा जांच किए जाने तक अलग रहेंगे। ठाकुर ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक निरीक्षण समिति के गठन की घोषणा की और आश्वासन दिया कि चार सप्ताह में न्याय होगा। ठाकुर ने शनिवार तड़के राष्ट्रीय राजधानी में अपने आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "खिलाड़ियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, हमने एक निरीक्षण समिति गठित करने का फैसला किया है और डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह जांच पूरी होने तक अलग रहेंगे।'