ये लाए आइडिया

अर्ले डिक्सन। ये वह शख्स थे, जिन्होंने असल मायने में बैंड एड की नींव रखी थी। अर्ले डिक्सन जॉन्सन एंड जॉन्सन कंपनी में काम करते थे। उसी दौरान उनकी शादी जोसेफ़िन नाइट से हुई थी। दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे और इसी प्यार के साथ दोनों ने अपना वैवाहिक जीवन शुरू किया। दोनों की जिंदगी में एक इंट्रेस्टिंग बात ये थी कि जोसेफ़िन जब भी किचेन में काम करतीं, तो उनको चोट जरूर लगती थी।

चोट लगी तो आई याद बैंड एड,इसकी कहानी है बेहद रोमैंटिक

बन गई रोज की आदत

घरेलू कामों के दौरान चोट मार लेना जैसे उनकी रोज की आदत सी बन गई थी। ऐसा होने पर वह तुरंत उसपर बैंडेज लगा लेती थीं, लेकिन बिना किसी प्रॉपर सपोर्ट के कारण वह बैंडेज जल्द ही घाव के ऊपर से सरक कर गिर जाता था। ये हालत देखकर अर्ले डिक्सन के दिमाग में एक आइडिया आया। उन्होंने दवाओं की ढेर सारी रेशमी पट्टियों को स्क्वायर में काटा और उसको टेप के ऊपर चिपका दिया। इस तरह के उन्होंने कई टुकड़े काट कर रख दिए, ताकि जब भी उनकी बीवी को चोट लगे वह इस रेडीमेड बैंडेज को अपनी चोट के ऊपर चिपका सकें।

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कंपनी ने शुरू कर दिया प्रोडक्शन

अर्ले उस समय जॉन्सन एंड जॉन्सन कंपनी में काम करते थे। ये कंपनी उस समय कॉटन बायर होने के नाते रेशम के जालीदार कपड़े और टेप बेचती थी। कंपनी के ओनर ने जब अर्ले से अपनी पत्नी के लिए बनाए इस बैंडेज के बारे में सुना तो वो भी चौंक गए। इससे भी ज्यादा वो चौंके ये जानकर कि चोट लगने के बाद वह इसको सिर्फ 30 सेकेंड के अंदर इसको लगाकर चोट को मेडिकली कवर कर लेती हैं। ये आइडिया कंपनी में सभी को बहुत पसंद आया। उसी तर्ज पर कंपनी ने भी बैंड एड बनाने शुरू कर दिए और जल्द ही अर्ले डिक्सन को कंपनी को वाइस प्रेसिडेंट बना दिया गया।

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