रूप कुमार ने श्याम बेनेगल के टीवी सीरीयल "भारत एक खोज" में भी तबला वादन किया था.
रूप कुमार राठौड़ शास्त्रीय संगीत के अहम स्तम्भ माने जाने वाले पंडित चतुर्भुज राठौड़ के पुत्र और श्रवण राठौड़ (नदीम श्रवण वाले) और गायक विनोद राठौड़ के भाई हैं.
यंगस्टर के लिए गाने
पहले अक्सर साल में तीन-चार फ़िल्मों में रूप कुमार गाना गा दिया करते थे पर फ़िल्म 'रंगरसिया' के बाद अब तक उनका कोई गीत नहीं आया है.
रूप कुमार राठौड़ कहते हैं, "ये गज़लों का समय नहीं है. आजकल के अधिकतम गीत यंगस्टर्स के लिए ही बनते हैं जो कि सिर्फ़ युवाओं को लुभाते हैं. गज़लें सुनना लोग पसंद नहीं करते."
वो कहते हैं, "हालांकि कई सिंगर है जो बहुत अच्छा गाते हैं जैसे अरिजीत सिंह, अमित त्रिवेदी. लेकिन नए संगीत साधनों और यंत्रो की वजह से सभी गाने एक जैसे ही लगते है जो कि शायद युवाओं को आकर्षित करते हैं."
म्यूज़िक कंपनी
रूप कुमार स्टेज शोज़ की वजह से काफ़ी व्यस्त रहते हैं और उनका कहना है, "फ़िल्मों में गाने से बेहतर स्टेज शोज में आपको फ़ैंस का लाइव रिएक्शन मिलता है."
वो आगे कहते हैं, "आपका फैंस के साथ एक कनेक्ट हो जाता है और आपको पता चल जाता है कि कैसा परफ़ॉर्म कर रहे हैं. वहीं फ़िल्मों में बंद कमरे में गाना गाना होता हैं और साथ ही आजकल की म्यूजिक कंपनियां भी गज़लों को सपोर्ट नहीं करती."
गज़लों के लिए रेडियो शो
रूप कुमार गानों में अपशब्दों के इस्तेमाल को गलत मानते हैं.
रूप कुमार कहते हैं, "हमारे समय की मोहब्बत और इश्क़ को खुदा माना जाता था और आजकल के गानों में इश्क को 'कमीना कुत्ता' कहा जाता है जो कि मुझे अनुचित लगता है."
शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्म 'शक्ति' का गाना था 'इश्क़ कमीना'
उन्होंने आगे कहा, "इश्क़ कमीना हमारी संस्कृति नहीं है. हमारी संस्कृति में तो उसे भगवान माना जाता है और आज भी जब किसी लड़के को अपनी दिल की बात कहनी होती है तो वो गज़ल या नज़्म का सहारा लेते हैं."
राठौड़ ने गज़लों का एक प्रोग्राम रेडियो पर भी शुरू किया है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही गज़लों का दौर वापस आएगा.
International News inextlive from World News Desk