केशव प्रसाद मौर्य
डिप्टी चीफ मिनिस्टर
कैबिनेट मंत्री-पीडब्ल्यूडी, फूड प्रोसेसिंग, एंटरटेनमेंट टैक्स
जन्म-7 मई, 1969, सिराथू, कौशांबी यूपी
शिक्षा-बैचलर ऑफ आट्र्स
पत्नी-राजकुमारी देवी
माता-श्रीमती धनपति देवी मौर्य
पिता-स्वर्गीय श्याम लाल मौर्य
बच्चे-योगेश कुमार मौर्य, आशीष कुमार मौर्य
राजनैतिक करियर
बजरंग दल, आरएसएस से जुड़ाव, नगर कार्यवाह और बीएचपी प्रांत संगठन मंत्री
वीएचपी के गोरक्षा अभियान में अहम भूमिका
राम मंदिर आंदोलन से जुड़ाव
बीजेपी काशी क्षेत्र के अध्यक्ष
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य
रीजनल कोऑर्डिनेटर ऑफ बैकवर्ड क्लास सेल और किसान मोर्चा बीजेपी
विधायक सिराथू-2012
सांसद फूलपुर 2014-2017
यूपी बीजेपी अध्यक्ष-2016
एमएलसी
सवाल-बेहद सामान्य परिवार से निकल कर आप यहां तक आए हैैं, बचपन में आपने भी मोदी जी की तरह चाय बेची है, आपकी नजर में सफलता क्या है?
जवाब-यह सच है, मैैं जिस परिवार से आया हूं, वह बेहद सामान्य परिवार रहा है और उसका बैकग्राउंड बेहद अभावग्रस्त रहा है। इसके बावजूद ऐसे परिवार से आना यह मेरे लिए गौरव की बात है। मैैंने अपने बचपन से ही विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना किया है। मेरे परिवार की वित्तीय स्थिति खासी खराब रही। आलम यह रहा कि पिता के बीमार होने पर उनका इलाज कराने के लिए गांव की जमीन तक गिरवी रखनी पड़ी थी। जब पिता जी का स्वास्थ्य सुधरा और पारिवारिक हालात कुछ बेहतर हुए, तब पिताजी के साथ मिलकर सिराथू में एक छोटी सी चाय की दुकान खोली। दुकान का स्वरूप यह था कि उसमें छप्पर पड़ा हुआ था। इस दुकान के माध्यम से ही परिवार का भरन पोषण किया गया। यह दौर लंंबे समय तक चला।
सवाल-आप विधायक रहे, सांसद बने, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भी रहे फिर डिप्टी सीएम, कौन सी भूमिका को सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण मानते हैैं?
जवाब-अगर आप किसी भी काम को चुनौती मानते हैैं तो वह निश्चित रूप से आपको चुनौती ही लगेगी। जब पार्टी की तरफ से बताया गया कि जनता के लिए संघर्ष करना है तो उस दिशा में कदम आगे बढ़ाए और जनता के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया। लोकसभा पहुंचकर केंद्र सरकार की सभी योजनाओं को प्राथमिकता से लागू कराया। इतना ही नहीं, यह भी प्रयास किया कि उक्त योजनाओं का लाभ जनता तक सीधे पहुंचे। हर तरफ विकास हो, इसके लिए विभिन्न बिंदुओं पर न सिर्फ होमवर्क किया बल्कि उसके सफल परिणाम भी सामने आए। राष्ट्रीय कार्यसमिति का अध्यक्ष, फिर प्रदेश अध्यक्ष बना। जितना क्षमता थी, अपने स्तर से शत प्रतिशत प्रयास किया। मेरा हमेशा यही प्रयास रहा कि मेरी वजह से किसी भी हालत में पार्टी को नुकसान न हो। पार्टी की छवि बनाए रखना मेरी पहली प्राथमिकता है। पार्टी गाइडलाइंस के अनुसार, हर एक कार्यकर्ता तक पहुंचने का सीधा प्रयास किया और इसमें सफलता भी पाई। आज हर एक कार्यकर्ता पार्टी से सीधा जुड़ाव महसूस करता है।
सवाल-वर्तमान में आप डिप्टी सीएम हैैं, पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग का जिम्मा है, कैसे मैनेज करते हैैं अपनी पर्सनल लाइफ को?
जवाब-वर्ष 1989 में संगठन से जुड़ने के बाद से ही घर से बाहर निकलने का क्रम शुरू हो गया, जो अब तक जारी है। हमेशा यही प्रयास करता हूं कि बिजी शेड्यूल में थोड़ा सा वक्त परिवार के लिए जरूर निकालूं। खास बात यह है कि मुझे परिवार का भी पूरा सहयोग मिलता है। जिससे परिवार और जिम्मेदारियों में सामंजस्य बिठाने में खासी आसानी होती है। नियमित दिनचर्या के साथ-साथ अपनी फिटनेस के लिए योग, व्यायाम करता हूं। नियमित रूप से पूजा पाठ के बाद कार्यालय में बैठकर प्रदेश भर से आए जनता के फोन को को एक-एक करके उत्तर देता हूं, यही प्रयास रहता है कि जिस व्यक्ति ने भी अपनी समस्या के निस्तारण के लिए मुझे फोन किया है, उसकी समस्या का हर हाल में निस्तारण होना चाहिए।
सवाल-केशव जी को खाली समय में सबसे अधिक क्या करना पसंद है?
जवाब-जब भी खाली समय मिल जाता है, तो विभिन्न किताबों का अध्ययन करता हूं, किताबें पढऩा हमें बहुत पसंद है। इसके साथ ही जिस दिन भी समय मिलता है तो सबसे पहले अपने मित्रों से बातचीत करता हूं, उनका हालचाल लेता हूं। असल में राजनैतिक जीवन में कई बार बिजी शेड्यूल होने के कारण मित्रों से बात करने का समय नहीं मिल पाता है, खाली समय मिलने पर उसकी भरपाई करता हूं।
सवाल-सड़कों को लेकर पीएम का भी खासा फोकस है, आने वाले दिनों में यूपी को लेकर आपके विभाग का और क्या प्लान है ?
जवाब-हमारा यही प्रयास है कि किसी भी जिला, तहसील या गांव में अगर सुविधा से जुड़े संसाधन नहीं होंगे तो विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। हम हाईवे तो बना ही रहे हैैं और आगे भी बनाएंगे लेकिन हमने मुख्य रूप से ग्रामीण मार्गों पर फोकस किया। हाईवे से सटे पांच किमी दूरी तक के गांवों को सीधे जोड़ने के लिए संपर्क मार्गों को डेवलप किया। अगर किसी गांव का संपर्क मार्ग ही ठीक नहीं होगा तो गांव में रहने वाला व्यक्ति हाईवे से कनेक्ट नहीं होगा और वह यही सोचेगा कि यह हाईवे उसके लिए नहीं है। इस सोच को ध्यान में रखते हुए ही संपर्क मार्गों को नियमित रूप से डेवलप किया जा रहा है। इतना ही नहीं, संपर्क मार्गों से लेकर हाईवे के निर्माण की नियमित मॉनीटरिंग भी की जा रही है। सरकार का सडक़ निर्माण में गुणवत्ता पर खासा फोकस है। अगर सडक़ गुणवत्तापूर्ण नहीं होगी तो जनता को इसका लाभ मिल ही नहीं सकता है।
सवाल-गड्ढा मुक्त प्रदेश आपका वादा था, जमीनी हकीकत क्या है?
जवाब-हमारे सतत प्रयास से प्रदेश काफी हद तक गड्ढामुक्त हो चुका है। मैैं दावे से कह सकता हूं कि विपक्ष भी सवाल नहीं उठा सकता है। हां, इतना जरूर है कि सवाल उठाने के लिए जरूर सवाल उठा सकता है। हकीकत यह है कि पिछली सरकारों के मुकाबले इस सरकार में सभी सडक़ों की स्थिति खासी सुधरी है और प्रदेश की जनता को इसका सीधा फायदा भी मिल रहा है। किसी भी सडक़ पर एक भी गड्ढा नजर न आए, इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
सवाल-आपके दो बेटे हैैं, उनको भी राजनीति के गुर सिखा रहे हैैं या फिर वो किसी और फील्ड में जाने के इच्छुक हैैं?
जवाब-ऐसा कुछ भी नहीं है। मेरा परिवार बहुत ही सामान्य है। मेरे परिवार का बैकग्राउंड ऐसा नहीं रहा है। अपनी फील्ड चुनने के लिए दोनों बेटे स्वच्छंद हैैं। यह कोई जरूरी नहीं है कि दोनों राजनीति में आएं। ये उनका अपना फैसला है, मेरा कोई प्रेशर नहीं है उनके ऊपर। मैं अपने बच्चों को इस बात के लिए जरूर प्रेरित करता रहता हूं कि जितना संभव हो जरूरतमंदों की मदद जरूर करो।
सवाल-क्या आपको गुस्सा आता है?
जवाब-जी हां, बिल्कुल आता है लेकिन तब जब कोई धारा 370, 35 ए पर सवाल उठाता है या विरोध करता है। सर्जिकल स्ट्राइक के प्रमाण मांगने वालों पर भी गुस्सा आता है। कोई भी ऐसा कदम जो देश के विरोध में उठता है तो उसके खिलाफ गुस्सा आता है। प्रदेश के विकास में कोई बाधक बने तो उस सूरत में गुस्सा आता है। सरकार हमेशा यही प्रयास करती है कि सबका साथ सबका विकास।
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