अभियोजकों ने गैब्रिएले के लिए तीन साल की सजा की मांग की थी लेकिन अदालत ने डेढ़ साल की सजा सुनाई है.

गैब्रिएले ने चोरी के आरोपों से इनकार किया है लेकिन यह जरूर माना कि उन्होंने दस्तावेजों की फोटोकॉपी की और पोप का भरोसा तोड़ा है.

उनका कहना है कि उन्होंने वैटिकन में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए ऐसा किया.

अदालत का फैसला आने से पहले गैब्रिएले ने ये भी कहा कि वो खुद को चोर नहीं मानते हैं और उन्होंने जो कुछ भी किया, चर्च के प्रति अपने प्रेम के कारण किया.

मिल सकती है माफी

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार गैब्रिएले की वकील क्रिस्टिना आरू का कहना है वो अदालत के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगे.

उन्होंने बताया कि गैब्रिएले वेटिकन में ही अपने घर में नजरबंद रह अपनी सजा पूरी करेंगे. वहीं रह कर वो पोप की तरफ से संभावित माफी का इंतजार करेंगे.

वैटिकन के प्रवक्ता फेडेरिको लॉम्बार्दी का कहना है कि इस बात की काफी संभावना है कि पोप गैब्रिएले को माफ कर देंगे. हालांकि ये अभी साफ नहीं है कि ऐसा कब होगा.

'घोटाले और गुटबाजी'

पूर्व रसोइए पर आरोप था कि उन्होंने पोप के दस्तावेजों को चुराया, उनकी फोटोकॉपी की और उन्हें एक इतलावी पत्रकार गियानलुइगी नुजी को दिया.

नुजी ने इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर 2010 में एक किताब लिखी जो हाथों हाथ ली गई. इस किताब में गोपनीय दस्तावेजों के हवाले से वैटिकन में भ्रष्टाचार, घोटालों और अदरूनी गुटबाजी का जिक्र किया गया था.

किताब सामने आने के बाद उस व्यक्ति की खोज शुरू हो गई जिसने ये दस्तावेज नुजी को सौपे थे और गैब्रिएले को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने अदालत को बताया कि उन्हें गैब्रिएले के घर पर हजारों दस्तावेज मिले जिनमें से कुछ दस्तावेजों पर पोप की हैंडराइटिंग भी है. कुछ दस्तावेजों पर पोप ने जर्मन में ये निर्देश भी लिखा है कि उन्हें नष्ट कर दिया जाए.

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