कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। बांग्लादेश में बीते एक महीने से हालात बेकाबू हो रहे हैं। भयंकर हिंसा और प्रदर्शनों के बीच सोमवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गयीं हैं। इस स्थिति में देश को चलाने के लिए एक अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की गई है। अंतरिम सरकार के संबंध में स्टूडेंट्स ऑफ डिस्क्रिमिनेशन के नेताओं नें मंगलवार को कहा कि वे नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ मुहम्मद यूनुस को देश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाना चाहते हैं। इस आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि उन्होंने यूनुस से बात कर ली है। बांग्लादेश को बचाने के लिए वे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हो गए हैं।
अब हम आजाद हैं-यूनुस
शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने पर डॉ यूनुस ने कहा , हम मुक्त हो गए हैं और अब हम एक आजाद देश का हिस्सा हैं। जब तो वो यहां थीं, हम कब्जे में थे। इसके आगे यूनुस ने कहा कि शेख हसीना एक कब्जा करने वाली शक्ति, एक तानाशाह ,एक सेनापति की तरह व्यवहार कर रही थीं, एक तरह से वो सब कुछ नियंत्रित कर रहीं थीं।
सलाहकार के रूप में रहेंगे यूनुस
नाहिद इस्लाम ने कहा है कि, हमने निर्णय लिया है कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। इस अंतरिम सरकार में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ मुहम्मद यूनुस मुख्य सलाहकार होंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डॉ यूनुस की व्यापक स्वीकार्यता है।
कौन हैं आखिर मुहम्मद यूनुस
मुहम्मद यूनुस के गरीब लोगों के लिए किए गए बैंकिंग सुविधा संबंधी प्रयोग ने बांग्लादेश को लघु ऋण का केन्द्र होने की पहचान दिलाई। यूनुस इस समय बांग्लादेश में नहीं हैं। उन्होंने शेख हसीना के अपदस्थ होने का स्वागत किया । इसके साथ ही उन्होंने इस घटनाक्रम को देश की दूसरी मुक्ति बताया है।
गरीबों के बैंकर कहलाते हैं यूनुस
मुहम्मद यूनुस को 2006 में नोबेल पुरस्कार दिया गया। यूनुस को यह पुरस्कार ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी उन्मूलन अभियान चलाने के लिए दिया गया। उनके इस तरीके को अलग अलग महाद्वीपों ने भी अपनाया।
हसीना सरकार से है लंबे समय से विवाद
यूनुस और हसीना सरकार के बीच लंबे समय से विवाद है। हालांकि अभी तक इस विवाद का कोई कारण स्पष्ट नहीं है। 2008 में जब शेख हसीना सरकार में आयीं ,उसके बाद अधिकारियों नें यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू की।
बांग्लादेश के प्राधिकारियों ने 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की थी और सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने का आरोप लगने के कारण यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया गया।
शुरूआत से लगते रहें हैं कई आरोप
मुहम्मद यूनुस के खिलाफ अब तक दर्जनों मामलों में आरोप लगाए गए हैं। इसके साथ ही जनवरी में यूनुस को श्रम कानून का उल्लंघन करने के आरोप में अदालत नें 6 महीने की सजा सुनाई थी। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि यूनुस ने 2007 में उस समय पार्टी बनाने की घोषणा की थी,जब देश में सैन्य समर्थित सरकार थी और शेख हसीना जेल में थी। बताया ये भी जाता है कि हसीना इस बात पर यूनुस से नाराज हो गई थीं। हालांकि उस समय यूनुस नें अपनी योजना को आगे नहीं बढ़ाया। यूनुस ने उस समय बांग्लादेशी नेताओं की आलोचना करते हुए आरोप भी लगाया था कि उनकी रूचि केवल पैसे में है।
हमेशा से हसीना के विपक्ष में रहे हैं यूनुस
मुहम्मद यूनुस ने एक साक्षात्कार में देश वापस लौटने और अपना काम जारी रखने की इच्छा जताई थी। यूनुस ने छात्रों की काफी प्रशंसा की और एक साथ मिलकर देश को आजाद कराने के लिए छात्रों को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने हसीना पर अपने पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को नष्ट करने का भी आरोप लगाया।
जल्द से जल्द बनायी जाएगी अंतरिम सरकार
नाहिद का कहना है कि समूह ने अंतरिम प्रशासन की रूपरेखा की घोषणा करने के लिए पहले 24 घंटे का समय लिया था। लेकिन अराजक स्थिति के कारण उन्हें नाम की घोषणा तुरंत करनी पड़ी। नाहिद ने राष्ट्रपति से यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया।
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