Story by : abhishek.tiwari@inext.co.in

@abhishek_awaazराजनीतिक उठापटक :

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय भले ही यादव परिवार का वर्चस्व रहा है। लेकिन पहले यादव राजनेता की बात करें तो मुलायम सिंह नहीं बल्िक एक जिद्दी राजनेता राम नरेश यादव का नाम आता है। उत्तर प्रदेश विशेषकर पूर्वांचल में राम नरेश की अच्छी खासी पैठ थी। उन दिनों पश्चिम में पिछड़ों के नेता के तौर पर मुलायम सिंह यादव और पूर्वांचल में राम नरेश यादव की खास पहचान थी। हलांकि रामनरेश यादव को मुलायम से बड़ा नेता माना जाता था। राम नरेश यादव ने छात्र जीवन से समाजवादी आन्दोलन में शामिल होकर अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन की शुरूआत कर दी थी। आजमगढ़ जिले के गांधी कहे जाने वाले बाबू विश्राम राय जी का भरपूर सानिध्य मिला।

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राम नरेश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डाक्टर रामनोहर लोहिया के विचारों को अपना आदर्श माना। समाजवादी विचारधारा के अन्तर्गत विशेष रूप से जाति तोड़ो, विशेष अवसर के सिद्धान्त, बढ़े नहर रेट, किसानों की लगान माफी, समान शिक्षा, आमदनी एवं खर्चा की सीमा बांधने, वास्तविक रूप से जमीन जोतने वालों को उनका अधिकार दिलाने, अंग्रेजी हटाओ आदि आन्दोलनों को लेकर उनकी अनेकों बार गिरफ्तारियां हुईं। आपातकाल के दौरान वह मीसा और डी.आई. आर के अधीन जून 1975 से फरवरी 1977 तक आजमगढ़ जेल और केन्द्रीय कारागार नैनी इलाहाबाद में निरूद्ध रहे। रामनरेश ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआम भारतीय जनता पार्टी के साथ की लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा राम नरेश राज्यसभा सदस्य तथा संसदीय दल के उपनेता भी रहे।

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महत्वपूर्ण फैसले :

रामनरेश यादव 23 जून 1977 को उत्तरप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए। उनका कार्यकाल दो साल तक भी नहीं चला। मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंनें सबसे अधिक ध्यान आर्थिक, शैक्षणिक तथा सामाजिक दृष्टि से पिछड़े लोगों के उत्थान के कार्यों पर दिया तथा गांवों के विकास के लिये समर्पित रहे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप ही उन्होंने उत्तरप्रदेश में अन्त्योदय योजना का शुभारम्भ किया। श्री यादव सन् 1988 में संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य बने एवं 12 अप्रैल 1989 को राज्यसभा के अन्दर डिप्टी लीडरशिप, पार्टी के महामंत्री एवं अन्य पदों से त्यागपत्र देकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

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काम :

मानव संसाधन विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति के पहले अध्यक्ष के रूप में राम नरेश ने स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति के चहुंमुखी विकास को दिशा देने संबंधी रिपोर्ट सदन में पेश की। केन्द्रीय जन संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत गठित हिन्दी भाषा समिति के सदस्य के रूप में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। वित्त मंत्रालय की महत्वपूर्ण नारकोटिक्स समिति के सदस्य के रूप में सीमावर्ती राज्यों में नशीले पदार्थों की खेती की रोकथाम की पहल की। पब्लिक एकाउंट कमेटी (पी.ए.सी.), संसदीय सलाहकार समिति (गृह विभाग), रेलवे परामर्शदात्री समिति और दूरभाष सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में आप कार्यरत रहे। रामनरेश कुछ समय तक कृषि की स्थाई संसदीय समिति के सदस्य तथा इंडियन काँसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च की जनरल बाडी तथा गवर्निंग बाडी के सदस्य भी रहे। यही नहीं लखनऊ में अम्बेडकर विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनीवर्सिटी का दर्जा दिलाने में राम नरेश का काफी योगदान था।

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व्यक्ितगत जीवन :

राम नरेश यादव का जन्म 1 जुलाई, 1928 ई. को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, ज़िले के गाँव आँधीपुर (अम्बारी) में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। इनका बचपन खेत-खलिहानों से होकर गुजरा। इनकी माता भागवन्ती देवी एक साधारण और धार्मिक विचारों वाली गृहिणी थीं और पिता गया प्रसाद जी महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. राममनोहर लोहिया के अनुयायी थे। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के विद्यालय में ही हुई और इन्होंने हाईस्कूल की शिक्षा आजमगढ़ के मशहूर 'वेस्ली हाई स्कूल' से प्राप्त की। इन्टरमीडिएट, 'डी.ए.वी. कॉलेज', वाराणसी से और बी.ए., एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय', वाराणसी से प्राप्त की। राम नरेश यादव की शादी सन 1949 में हुई और उनके तीन बेटे और पांच बेटियां थीं।   

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महत्वपूर्ण बातें :

1. 1977 से 1979 तक जनता पार्टी की सरकार में उप्र के मुख्यमंत्री रहे रामनरेश यादव ने 28 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था।

2. संसद की प्रथम गठित मानव संसाधन विभाग की संयुक्त संसदीय समिति के प्रथम अध्यक्ष (1993)

3. रामनरेश यादव को कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने 2011 में मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था।

4. मप्र के राज्यपाल बनने के बाद यहां हुए व्यापमं घोटाले में उनके ओएसडी धनराज यादव से लेकर उनके बेटे का नाम भी आया।

5. 22 नवंबर 2016 को 88 साल की उम्र में राम नरेश यादव की मृत्यु हो गई।

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