जब शुरू हुआ था तब नाम था विक्टोरिया टर्मिनस
कानपुर। सीएसटी का निर्माण 1878 में तेजी से शुरू हुआ था। मुंबई का यह रेलवे स्टेशन जब आम जनमानस के लिए 1887 में शुरू हुआ था तब इसका नाम विक्टोरिया टर्मिनस था।कहा जाता है कि इसका निर्माण ब्रिटेन की महारानी की गोल्डन जुबली मनाने के लिए किया गया था।
विक्टोरिया टर्मिनस में समय संग बड़े बदलाव हुए
विक्टोरिया टर्मिनस कार्यालय बनाने में करीब 16,35,562 रुपये और स्टेशन बनाने में 10,40,248 रुपये खर्च किए गए थे। विक्टोरिया टर्मिनस में समय के साथ कई बड़े बदलाव हुए। 1996 में इसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रख दिया गया था।
यहां हर दिन बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ होती
मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस रेलवे स्टेशन का नाम तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश कलमाडी ने बदला था। यह पौराणिक मराठा शासक छत्रपति शिवाजी का सम्मान करने के लिए किया गया था।इस रेलवे स्टेशन पर हर दिन बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ होती है।
आतंकवादी कसाब ने इस पर हमला किया था
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस देखने में बेहद खूबसूरत है। इसे 2004 में यूनेस्को ने वास्तु कला की उत्कृष्टता के लिए विश्व विरासत की सूची के लिए नाॅमिनेट किया था। इसके अलावा 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब ने इस पर हमला किया था।
अक्सर यहां फिल्मों की शूटिंग होती रहती हैं
आज इधर पिछले कई सालों से विशेष अवसरों पर इस खूबसूरत रेलवे स्टेशन को घूमने के लिए लोग आते हैं। यहां फिल्मों की शूटिंग भी होती है। 'स्लमडॉग मिलियनेयर' फिल्म में जय हो गीत को यहां फिल्माया गया है। इसके अलावा रा वन जैसी कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है।
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