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भारतीय रेसलर जिनसे घबराते हैं WWE के पहलवान
डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में कभी सिर्फ विदेशी रेसलर्स का ही बोलबाला था पर अब उस रिंग के रेसलर्स भारतीय पहलवानों से घबराते हैं। हम आप को आज उन इंडियन रेसलर्स से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में विदेशी पहलवानों के छक्के छुड़ा दिए।
द ग्रेट खली
हिमाचल प्रदेश में जन्मे खली का नाम दलीप सिंह राणा है। डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में वो द ग्रेट खली के नाम से मशहूर हैं। खली डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में कुश्ती लड़ने वाले पहले रेसलर हैं। आप को जानाकर हैरानी होगी कि खली हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। खली ने पंजाब पुलिस में भी काम किया है। खली ने रिंग में डब्ल्यूडब्ल्यूई के सबसे खतरनाक पहलवान अंडरटेकर को भी मार-मार कर बेहोश कर दिया। खली मां काली के भक्त हैं। खली ने जॉन सीना से लेकर ट्रिपल एच जैसे खतरनाक रेसलर्स को हराया है।
कविता दलाल
कविता दलाल है जिन्होंने कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट की रिंग में उतरकर अपनी पहली ही फाइट में नेशनल रेस्लर बुलबुल को रिंग में चित कर दिया था। इसके बाद कविता सुर्खियों में आ गई थीं। सीडब्लूई में धूम मचाने के साथ ही कविता को बिग बॉस हाउस में जाने का भी न्यौता मिल चुका है। नेशनल लेवल पर 9 साल तक वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली कविता का सपना खली की तरह डब्लूडब्लूई में तिरंगा लहराना है। दक्षिण एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता कविता दलाल को एमएई यंग क्लासिक में स्पर्धा के लिए चुना गया है और वह डब्ल्यूडब्ल्यूई के इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।
सतेंद्र डागर
सोनीपत के एक छोटे से गांव बाधड़ का पहलवान छोरा सतेंद्र डागर 3 बार हिंद केसरी का खिताब जीत चुके हैं। कुश्ती में बचपन से ही लगाव रखने वाले सतेंद्र ने गांव के अखाड़े से प्रैक्टिस शुरू की थी। धीरे-धीरे कुश्ती का शौक जुनून में बदल गया। सतेंद्र कुश्ती की प्रतियोगिता के दौरान चंडीगढ़ आने जाने लगे तो वहीं के एक नामी जिम में उनकी मुलाकात अमेरिकी रेसलिंग टीम से हुई। टेस्ट के लिए दुबई ले जाया गया। जहां 10 देशों के पहलवान थे। 6 घंटे के अभ्यास के लिए उनका स्टैमिना जांचा गया। आखिरकार उनका सिलेक्शन हुआ और इस तरह सतेंद्र डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग तक पहुंच गए।
हिमाचल प्रदेश में जन्मे खली का नाम दलीप सिंह राणा है। डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में वो द ग्रेट खली के नाम से मशहूर हैं। खली डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में कुश्ती लड़ने वाले पहले रेसलर हैं। आप को जानाकर हैरानी होगी कि खली हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। खली ने पंजाब पुलिस में भी काम किया है। खली ने रिंग में डब्ल्यूडब्ल्यूई के सबसे खतरनाक पहलवान अंडरटेकर को भी मार-मार कर बेहोश कर दिया। खली मां काली के भक्त हैं। खली ने जॉन सीना से लेकर ट्रिपल एच जैसे खतरनाक रेसलर्स को हराया है।
कविता दलाल है जिन्होंने कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट की रिंग में उतरकर अपनी पहली ही फाइट में नेशनल रेस्लर बुलबुल को रिंग में चित कर दिया था। इसके बाद कविता सुर्खियों में आ गई थीं। सीडब्लूई में धूम मचाने के साथ ही कविता को बिग बॉस हाउस में जाने का भी न्यौता मिल चुका है। नेशनल लेवल पर 9 साल तक वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली कविता का सपना खली की तरह डब्लूडब्लूई में तिरंगा लहराना है। दक्षिण एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता कविता दलाल को एमएई यंग क्लासिक में स्पर्धा के लिए चुना गया है और वह डब्ल्यूडब्ल्यूई के इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।
सतेंद्र डागर
सोनीपत के एक छोटे से गांव बाधड़ का पहलवान छोरा सतेंद्र डागर 3 बार हिंद केसरी का खिताब जीत चुके हैं। कुश्ती में बचपन से ही लगाव रखने वाले सतेंद्र ने गांव के अखाड़े से प्रैक्टिस शुरू की थी। धीरे-धीरे कुश्ती का शौक जुनून में बदल गया। सतेंद्र कुश्ती की प्रतियोगिता के दौरान चंडीगढ़ आने जाने लगे तो वहीं के एक नामी जिम में उनकी मुलाकात अमेरिकी रेसलिंग टीम से हुई। टेस्ट के लिए दुबई ले जाया गया। जहां 10 देशों के पहलवान थे। 6 घंटे के अभ्यास के लिए उनका स्टैमिना जांचा गया। आखिरकार उनका सिलेक्शन हुआ और इस तरह सतेंद्र डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग तक पहुंच गए।
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