मोबाइल फोन से होती हैं कंट्रोल
राजस्थान में रहने वाले 28 वर्षीय भूमराज सिंह ने कड़ी मेहनत और जुगाड़ु दिमाग से गूगल को भी पछाड़ दिया। भूमराज ने 796सीसी की कार को मॉडिफाई करके नया रूप दे दिया। भूमराज ने तकरीबन तीन लाख रुपये खर्च करके 'घोस्ट कार' का निर्माण किया है। यह कार फोन से कंट्रोल की जा सकेगी जिसके चलते इसमें ड्राइवर की जरूरत नहीं।
स्कूल से निकाल दिया था बाहर
भूमराज बताते हैं कि उन्हें स्कूल से बाहर निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने खुद इंटरनेट की मदद से ड्राइवरलेस कार की तकनीक और कोडिंग को सीखा। भूमराज पेशे से वेल्डर हैं और वह कहते हैं कि, जब मैंने गूगल के ड्राइवरलेस प्रोजेक्ट के बारे में सुना तो थोड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि भारत में अगर यह कार आती है तो वह काफी मंहगी होगी। ऐसे में हम इंडियंस के लिए इसे खरीद पाना काफी मुश्किल होगा। इसलिए उन्होंने खुद ऐसी तकनीक विकसित की ताकि मिडिल क्लॉस का आदमी भी इस ड्राइवरलेस कार की राइड का मजा ले सके।
बेंगलुरु के इंजीनियर ने भी बनाई है कार
राजस्थान के भूमराज के अलावा भारत में और भी लोग हैं जो ड्राइवरलेस कार प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। बेंगलुरु के एक इंजीनियर ने एक ऐसी कार बनाई है जो बिना ड्राइवर के ट्रैफिक में चल सकेगी। हलांकि अभी तक इसको ट्रैफिक में टेस्ट नहीं किया गया है। जल्द ही बेंगलुरु की सड़कों पर बिना ड्राइवर की कार नजर आएगी। टीसीएस के रोबॉटिक्स और कॉग्निटिव सिस्टम डिपार्टमेंट के हेड जॉन ने अपने 29 सदस्यों की टीम के साथ खाली वक्त में सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम पर काम किया। उन्होंने टेस्ट के लिए एक थ्री डी मॉडल भी बनाया है। जॉन की इस कार का अभी सड़क पर परीक्षण बाकी है। उन्हें उम्मीद है कि ट्रैफिक पुलिस जल्द ही इसकी इजाजत दे देगी। साल 2011 में जॉन ने अपने इस एक्सपीरीमेंट के लिए टाटा की नैनो कार खरीदी थी। दुनियाभर में डेमलर, निसान, जनरल मोटर्स, बीएमडब्लूए, गूगल और टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियां बिना ड्राईवर की कार के विकास पर काम कर रहीं हैं।
ये पांच कंपनियां बना रही हैं ड्राइवरलेस कार :-
1. Daimler
2. Google
3. Tesla
4. BMW
5. Nissan
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