भारत ने खेल के 14वें मिनट में जसजीत सिंह द्वारा दूसरे पैनल्टी कॉर्नर पर किए गए गोल की मदद से 1-0 की बढ़त बनाई और इसे मध्यांतर तक बनाए रखा.
इसके बाद मलेशियाई खिलाड़ियों ने एक के बाद एक हमले किए और खेल के 46वें मिनट में मलेशिया के राज़ी रहीम ने गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया.
मलेशिया अभी बराबरी के गोल का जश्न भी नहीं मना पाया था कि एक काउंटर अटैक पर भारत के आकाशदीप को डी में पास मिला जिसे उन्होंने गोल की तरफ दिशा देकर स्कोर भारत के पक्ष में 2-1 कर दिया.
इसके बाद इस विश्प कप में पहली बार भारत के कप्तान सरदार सिंह ने अपना जलवा दिखाया और उन्होंने खेल के 51वें मिनट में अकेले ही मध्य रेखा के पास गेंद को संभाला और उसके बाद मलेशिया के तीन चार रक्षकों को छकाते हुए एक बार फिर गेंद आकाशदीप तक पहुंचाई.
डी में खड़े आकाशदीप ने गेंद को पहले तो अपनी स्टिक पर संभाला और उसे दोबारा गोल बॉक्स की तरफ़ उछालते हुए मलेशिया का तख्ता खड़का दिया.
इसके साथ ही भारत की बढ़त 3-1 हो गई. मलेशिया ने फिर भारत पर लगातार जवाबी हमले बोले और 61वें मिनट में जलील के गोल की मदद से स्कोर 3-2 हो गया.
भारत ने इसके बाद संभलकर खेलते हुए मलेशिया को बराबरी पर आने का कोई मौका नहीं दिया और 3-2 के स्कोर के साथ ही मलेशिया को मात दी.
सेमीफाइल की दौड़ से बाहर
इस विश्व कप में जाने माने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी टैरी वॉल्स की कोचिंग और सरदार सिंह कप्तानी में खेल रही भारतीय टीम की ये पहली जीत रही.
पूल ए में शामिल भारत इससे पहले बेल्जियम से 3-2 से हारा और उसके बाद इंग्लैंड ने भी उसे 2-1 से हराया.
हद तो ये रही कि बेल्जियम के ख़िलाफ़ तो भारत मैच समाप्त होने से केवल 15 सेंकड पहले हारा जबकि इंग्लैंड ने उसे दो मिनट पहले मात दी.
यानी अंतिम क्षणों में गोल खाने की बीमारी ने इस विश्व कप में भी भारत का पीछा नहीं छोड़ा है. भारत ने अपना तीसरा मुकाबला स्पेन के साथ 1-1 से बराबरी पर समाप्त कराया था.
अब लीग चरण में अपना अंतिम मैच इस टूर्नामेंट के विजेता के रूप में देखी जा रही ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सोमवार को खेलेगा.
अब भारत के चार मैचों के बाद चार अंक हैं और वो अंक तालिका अपने पूल में चौथे स्थान पर है.
इस वजह से मलेशिया के ख़िलाफ़ जीतने के बावजूद भारत इस विश्व कप सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुका है.
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