न्यूयॉर्क (आईएएनएस)। अमेरिका में भारतीय मूल के एक इंजीनियर पर कोरोना वायरस राहत कार्यक्रम के तहत धोखाधड़ी कर एक करोड़ डॉलर से अधिक का कर्ज मांगने का आरोप लगाया गया है। सहायक अटॉर्नी जनरल ब्रायन बेनजकोव्स्की ने बुधवार को आरोप दायर करने की घोषणा की और साथ ही उन्होंने कहा, 'शशांक राय ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान सहायता, राहत और आर्थिक सुरक्षा कानून के तहत छोटे उद्योगों के लिए धोखे से लाखों डॉलर का कर्ज मांगने की कोशिश की।' उसपर बैंक धोखाधड़ी और एक संघीय एजेंसी को गलत बयान देने सहित कई आरोप लगाए गए हैं।
250 कर्मचारी रखने का दावा
ब्यूमोंट, टेक्सास में संघीय अदालत में दायर दस्तावेजों के अनुसार, 30 वर्षीय राय ने पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (पीपीपी) के तहत एक बैंक से 10 मिलियन डॉलर के कर्ज के लिए आवेदन किया था, जिसमें दावा किया गया कि चार मिलियन डॉलर के मासिक भुगतान के साथ 250 कर्मचारियों को काम पर रखा गया है, जबकि जांच-पड़ताल के दौरान भुगतान करने वाले श्रमिकों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। बता दें कि पीपीपी संघीय सरकार की एक पहल है जो कोविड-19 संकट से प्रभावित छोटे व्यवसायों को आपातकालीन मदद देने के लिए है ताकि वे अपने कर्मचारियों को रखने में सक्षम हो सकें और कार्यक्रम के तहत कर्ज ले सकें।
एक अन्य बैंक से मांगा था 3 मिलियन डॉलर का कर्ज
अभियोजन पक्ष ने कहा कि राय ने एक अन्य ऋणदाता से इस कार्यक्रम के तहत 3 मिलियन डॉलर का कर्ज मांगा था, तब उसने कहा था कि उसके पास 250 कर्मचारी हैं और लगभग 1.2 मिलियन डॉलर का मासिक पेरोल है। जांचकर्ताओं ने राय के घर के बाहर कचरे में 3 मिलियन डॉलर के निवेश की रणनीति के बारे में हाथ से लिखा हुआ एक नोट पाया, जो उस ऋण राशि से मेल खा रहा था, जिसे वह दूसरे कर्जदाता से हासिल करना चाहता था। टेक्सास के अधिकारियों ने जांचकर्ताओं को बताया कि उनके पास इस साल राय की कंपनी का भुगतान करने वाले श्रमिकों का कोई रिकॉर्ड नहीं है या 2019 की अंतिम तिमाही और इस वर्ष की पहली तिमाही में कोई राजस्व नहीं है।
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